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एच.आई.वी किस से फेलता

एच.आई.वी, अनस्टेरेलाइज्ड सुइयों या सिरिंज, जो अधिकतर ड्रग देने के लिये प्रयोग में लाई गई हों, उनसे फैलता है। प्रयोग किये गये रेजर, चाकू या औज़ार जो त्वचा में चुभ कर घूस जाते हैं, एच.आई.वी का खतरा कुछ हद तक बना देते हैं।
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एक अनस्टेरेलाइज्ड सुई या सिरिंज एक से दूसरे व्यक्ति में एच.आई.वी फैला सकती है। जब तक उस पूरी तरह साफ न कर ली जाये तब तक कोई भी वस्तु शरीर में चुभानी नहीं चाहिये। वे लोग जो स्वयं को मादक इंजेक्शन लगा लेते हैं या ऐसे इंजेक्शन लगाने वालों के साथ सेक्स करते हैं, उन्हें एच.आई.वी का खतरा हो सकता है। जो लोग मादक इंजेक्शन लगाते हें उन्हें हमेशा एक साफ सुई और सिरिंज का प्रयोग करनी चाहिये। कभी भी किसी दूसरे की सुई प्रयोग में न लायें। इंजेक्शन केवल प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मचारी के द्वारा ही लगवाने चाहिये। जब हर बच्चा या वयस्क टीकाकरण करवा रहे हों तो हरेक के लिये अलग सुई होना आवश्यक है।
किसी की भी सुई प्रयोग में लाना, चाहे वे परिजन ही क्यों न हों, एच.आई.वी या अन्य कोई घातक संक्रमणशील बीमारी को फैलने का अवसर देना है। किसी को भी दूसरे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त सुई और सिरिंज प्रयोग में नहीं लानी चाहिये। माता-पिता को चाहिये कि वे स्वास्थ्य कर्मचारी से हरेक के लिये अलग सुई लेने को कहें। अनस्टेरेलाइज्ड वस्तु से चाहे वह रेजर या चाकू ही क्यों न हो एच.आई.वी फैला सकता है। परिवार के हर व्यक्ति के लिये काटने का साधन स्टेरेलाइज्ड होना आवश्यक है, जैसे ब्लीचिंग पाउडर में धोना या उबलते हुए पानी से उसे धोना।
नवजात शिशु की नाभी तंडिका काटने के लिये प्रयोग में लाया जानेवाला साधन स्टेरेलाइज्ड होना आवश्यक है। प्रसव के समय प्लेसेंटा या खून जैसी वस्तुओं को छूते समय विशेष ध्यान रखा जाना चाहिये। सुरक्षात्मक दस्ताने (लेटेक्स) यदि उपलब्ध हों तो प्रयोग में लाने चाहिये।
दाँतों के उपचार के लिये, टैटू के लिये, फेशियल मार्किंग के लिये, कान छेदने के लिये, और एक्यूपंक्चर के लिये प्रयोग में लाया जानेवाला साधन स्टेरेलाइज्ड होना आवश्यक है। जो व्यक्ति यह कार्य कर रहा है उसे इस काम के दौरान रक्त से संपर्क नहीं करना चाहिये, वह इस बात का विशेष ध्यान रखें।
कोई भी यौन जनित संक्रमण जैसे गनोरिया या सिफलिस, एच.आई.वी के फैलने का कारण बन सकता है। यौन जनित संक्रमण से ग्रस्त व्यक्ति यदि किसी एच.आई.वी संक्रमित व्यक्ति से असुरक्षित सेक्स संबंध स्थापित करते हैं तो उनमें एच.आई.वी के संक्रमण का खतरा 5 से 10 गुना अधिक होता है।
एच.आई.वी संक्रमण गर्भवती माँ से उसके बच्चे तक फैलने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका है महिलाओं में एच.आई.वी के संक्रमण को रोका जाये।
महिलाओं में एच.आई.वी के संक्रमण को रोकने के लिये सुरक्षित सेक्स, कंडोम का प्रयोग, और यौन जनित संक्रमण की जल्द पहचान होना आवश्यक है। यदि किसी महिला को एच.आई.वी संक्रमित होने का पता चल जाता है तो उसे भावनात्मक आधार और अपने भविष्य के बारे में योजना बनाने में मदद की आवश्यकता है। नागरिक समुदाय और स्वयं सेवा संस्थाएँ इस बारे में महिलाओं की बहुत मदद कर सकते हैं।
गर्भवती महिलाओं को निम्न बातों का पता होना आवश्यक है कि:
  • गर्भावस्था के दौरान उचित दवाइयों के सेवन से नवजात बच्चे को संक्रमण होने का खतरा बहुत कम हो जाता है।
  • गर्भावस्था और प्रसव के दौरान विशेष देखभाल करने से नवजात बच्चे को संक्रमण होने का खतरा बहुत कम हो जाता है।

नई माताओं को बच्चे को आहार देने और संबंधित खतरों का विकल्प मालूम होना आवश्यक है। स्वास्थ्य कर्मचारी आहार देने का कोई विकल्प बताने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं जिससे कि नवजात बच्चे के एच.आई.वी मुक्त विकास का खतरा बहुत कम हो सकता है।
एच.आई.वी संक्रमित महिलाएँ जिन्हें अच्छा उपचार नहीं मिला है उनके गर्भस्थ बच्चे को एच.आई.वी के साथ जन्म लेने का खतरा 30 प्रतिशत या 3 में से 1 को होने की संभावना होती है। ऐसे दो-तिहाई से भी अधिक नवजात शिशु की मृत्यु पांच साल की आयु से पहले हो जाने का खतरा होता है।

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