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एसिडिटी की प्रॉब्लम को दूर करने में मददगार साबित होंगे ये 5 तरीके






लाइफस्टाइल डेस्कः अक्सर खाना खाने के कुछ देर बाद खट्टा-खट्टा सा फील होता है और एक दम से ऐसा लगता है कि उल्टी होने वाली है। पेट में जलन भी होती है। इस तरह की दिक्कत होने पर समझ जाएं कि आपको एसिडिटी की प्रॉब्लम हो गई है। एक बार एसिडिटी की दिक्कत होने पर कुछ भी खाने पर पेट में जलन होती रहती है। दिक्कत तब ज्यादा बढ़ जाती है, जब कुछ ऑयली खा लेते हैं। ऐसे में, दवा लेने तक की नौबत आ जाती है। अगर आपको इस तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है तो खान-पान पर ध्यान देना जरूरी है, नहीं तो समस्या बढ़ सकती है।


तस्वीरों का इस्तेमाल प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है

एसिडिटी से होने वाली दिक्कत
1. कभी तो एसिडिटी अपने-आप ही ठीक हो जाती है, पर अगर यह लंबे समय तक बनी रहे और इसका इलाज ठीक से नहीं किया गया तो परेशानी बढ़ सकती है। यह पेप्टिक अल्सर में भी बदल सकता है। ऐसे में आपको एसिडिटी के इलाज के लिए एन्डोस्कोपी करानी पड़ सकती है।
जिन लोगों को एसिडिटी की दिक्कत है वो अपने खाने-पीने का खास ध्यान रखें। अपने खाने में उन चीजों को अवॉयड करें, जिनसे एसिड बनता है। उलटे हाथ की तरफ यानी बाएं करवट सोना पेट के लिए सही रहता है।
2.जब भी आप सोएं, अपने सिर को थोड़ा ऊंचा करके सोएं। इससे आपको सोते समय सीने में जलन महसूस नहीं होगा। अगर आपको कोई और परेशानी न हो तो आप सिर के नीचे दो या तीन तकिए लगा सकते हैं।
3.थोड़ा-थोड़ा करके दिन में 3-4 बार खाएं और जब भूख लगे तभी खाएं। कोशिश करें कि खाना स्किप न हों, क्योंकि बीच में कभी खाना नहीं खाने पर जब भूख लगती है तो ओवरइंटिंग से बच नहीं पाते। ज्यादा खाने से डाइजेशन में प्रॉब्लम होती है, जिससे एसिड बन सकता है। इसलिए कम खाएं और टाइम से खाएं।
4. खाने को अच्छे से चबाकर खाना चाहिए, क्योंकि चबाकर खाने से स्लाइव बनता है जिससे खाने को पचाने में दिक्कत नहीं होती और एसिडिटी भी नहीं होती। स्लाइव एक नेचुरल एल्कलाइन है, जो नेचुरल तरीके से एसिड को क्षार में बदल देता है। मिंट के स्वाद से बनी चीज़ें या कफ सिरप न पिएं, क्योंकि मिंट एसिड को और ज्यादा बढ़ा देता है।
5. एसिडिटी जैसी दिक्कत होने पर ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। गर्मियों में ठंडा पानी पिएं, क्योंकि पानी एसिडिटी को कम करने में मदद करता है। रोज सुबह उठकर गुनगुना पानी पिएं। रात में ज्यादा खाना न खाएं। खाना खाने के बाद टहलें। इससे खाना सही से हज़म हो जाता है। सोने से कम से कम 4 घंटे पहले खाना खाएं। इसलिए खाना 8 बजे के आसपास खा लेना चाहिए

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