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केले के 7 अनोखे गुण, जो आपको शायद ही पता हों !


केले के 7 अनोखे गुण, जो आपको शायद ही पता हों !

केले के बारे में दुनिया जानती है, किसी शहर या कस्बे का कोई भी बाजार ऐसा नहीं जहां केला बिकते हुए देखने ना मिले। घर-घर में पसंद किए जाने वाला केला 10 हजार सालों से हमारे जीवन का हिस्सा है। शायद आने वाले सैकडों हजारों सालों तक इस फल को हम सराहते रहेंगे। महज एक फल के तौर पर जाने वाले केले के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं कि इस फल के अलावा केले के संपूर्ण पौधे में औषधीय गुणों का खजाना है। चलिए आज जानते हैं आधुनिक औषधि विज्ञान जगत ने केले के किन-किन गुणों को क्लिनिकल तौर पर प्रमाणित किया है। क्या सिर्फ स्टार्च से भरपूर होने के अलावा केले में और भी कुछ है जो आमतौर पर ज्यादा लोगों को नहीं पता। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही गुणों के बारे में….
1. कई रासायनिक और कृत्रिम दवाओं जैसे एस्परिन, इण्डोमेथासिन, सिस्टियामाइन, हिस्टामाइन आदि के सेवन के बाद कई लोगों को मुंह में छाले आ जाते है। आधुनिक शोधों से जानकारी मिलती है कि कच्चे केले को सुखाकर चूर्ण बनाकर इस चूर्ण को चाटा जाए तो मुंह के छालों को ठीक कर देता है। शोधों से यह भी जानकारी मिलती है कि केला का चूर्ण सिर्फ छालों की जगहों पर नई कोशिकाओं के निर्माण को प्रोत्साहित करता है। साथ ही, इसमें पाया जाने वाला फ़्लेवेनोयड ल्युकोसायनायडिन अल्सर (छाले) बनाने के वाले अल्सरोजेन को रोकता है

2. केले का छिलका प्रोस्टेट ग्रंथि की वृद्धि को रोकता है। टेस्टोस्टेरोन की वजह से अक्सर प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार बढ जाता है। अनेक शोध बताते हैं कि केले का छिलका टेस्टोस्टेरोन को सक्रिय नहीं होने देता।अनेक शोधों के परिणामों पर नजर डाली जाए तो जानकारी मिलती है कि केले में वायरस नियंत्रण के जबरदस्त गुण होते है। कुछ शोध तो इसे MRSA और HIV के नियंत्रण तक के लिए उपयोगी मानते है।
3. केले के तने का रस पथरी में बेहद कारगर है। एक शोध के अनुसार केले के तने का रस किडनी में होने वाली पथरी, खासतौर से ओक्सालेट की बनी पथरी को तोड़कर पेशाब मार्ग से बाहर निकाल देता है।
4. कई क्लिनिकल स्टडीज से यह भी पता चला है कि केले की पत्तियां त्वचा पर होने वाले अनेक सूक्ष्मजीवी खतरनाक संक्रमण को रोकने के लिए कारगर साबित हुई हैं। पत्तियों का रस अनेक तरह के स्किन प्रॉब्लम्स को दूर करने में सक्षम है।
5. केले के फूल टाईप 1 डायबिटीज के रोगियों के लिए कारगर उपाय है। अनेक शोधों के जरिए यह निष्कर्ष निकाला गया है कि फूल का रस तैयार करके टाईप 1 डायबिटीज रोगियों को दिया जाए तो यह ब्लड में शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है।
6. केले की जडों और कच्चे केले में भी डायबिटीज नियंत्रण के लिए जबरदस्त गुण होते हैं। अनेक वैज्ञानिकों ने केले के पौधे के इन हिस्सों को डायबिटीज नियंत्रण के लिए उपयोग में लाई जाने वाली औषधि ग्लिबेनक्लेमाईड के समरूप पाया है।
7. ताजा हरा केला दस्त को रोकता है। केला पकने से पहले जब हरा होता है। तब इसमें स्टार्च पाया जाता है, जो कि दस्त को रोकने में मदद करता है। बंग्लादेश के देहाती इलाकों में आज भी नवजात शिशुओं को दस्त होने पर कच्चे केले को कुचलकर चटाते हैं।
4. एक छोटी चम्मच त्रिफला और एक चम्मच शहद मिलाकर रात में सोते समय खाएं और ऊपर से दूध पी लें, पेट के सभी रोगों से छुटकारा मिल जाएगा ।
5. रोजाना शहद खाने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं। शहद का सेवन करने से डायजेस्टिव सिस्टम मजबूत होता है। बूढ़े लोग जिनका डायजेशन कमजोर हो चुका है, उनके लिए शहद बहुत फायदेमंद होता है।
6. ठंडे पानी में शहद मिलाकर रोजाना लेने से त्वचा का रंग साफ होता है और चेहरे पर लालिमा व कांति भी आ जाती है। राेज 25 ग्राम शहद दूध के साथ जरूर लें। इससे शरीर को ताकत मिलती है।
7. शहद का नियमित सेवन करने एलर्जी की समस्या नहीं होती है, क्योंकि इसमें विटामिन बी1, बी2, बी3, बी4, बी6 होते हैं। यदि आप रोज शहद का उपयोग करते है तो आपके शरीर के हार्मोंन्स भी कंट्रोल में रहते हैं।

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