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समलिंगता क्या होता है)(HOMOSEXUALITY)

समलिंगता (HOMOSEXUALITY)

परिचयः

समलिंगता का अर्थ है समान लिंग की ओर आकर्षित होना और उसके साथ संबंध बनाना। इस संबंध में पुरुष, पुरुष के साथ और स्त्री, स्त्री के साथ संबंध बनाती है। समलिंगता में स्त्री, स्त्री के साथ और पुरुष, पुरुष के साथ संबंध स्थापित करके यौन संतुष्टि प्राप्त करते हैं।

समलिंगता की प्रवृत्ति प्रायः सैनिकों, छात्रावासों तथा जेलों में रहने वाले में अधिक पाई जाती है। हॉस्टलों में रहने वाले लड़के और लड़कियां भी समलैंगिक होते हैं।

समलिंगता के कारणः

समलिंगता के कई कारण हो सकते हैं, जैसे- स्त्री या पुरुष को ऐसे जगह में रहना जहां स्त्री को पुरुष और पुरुष को स्त्री नहीं मिलती है। ऐसे में व्यक्ति समानलिंग के प्रति ही आकर्षित होने लगते हैं जिसका परिणाम यह होता है कि स्त्री या पुरुष के मन में सेक्स की इच्छा जागृत होने पर स्त्री, स्त्री और पुरुष, पुरुष के साथ ही सेक्स संबंध बनाने लगते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ लोग गलत संगति में पड़कर भी समलिंगता का शिकार हो जाते हैं और इसमें आनन्द मिलने पर वह इस ओर आकर्षित हो जाते हैं।

समलिंगता के शिकार अक्सर वे लोग होते हैं जिन्हें सेक्स सुविधा उपलब्ध नहीं होती अथवा सेक्स के लिए सही स्थिति नहीं मिलती। इसे एक्वायर्ड होमोसक्सुएलिटी कहा जाता है। इसके अतिरिक्त ऐसे व्यक्ति जिनकी बाल्यावस्था असंतुष्ट एवं कल्पनाओं में ही व्यतीत हुआ हो और उनका मानसिक विकास ठीक से न हो पाया हो, वे भी समलिंगता का शिकार हो जाते हैं।

सेक्स विशेषज्ञ फ्रायड के अनुसार बालावस्था के समय से ही मनुष्य में सेक्स भावना का समावेश होने लगता है और जैसे-जैसे शारीरिक विकास होता जाता है, वैसे-वैसे सेक्स की इच्छाएं भी बढ़ती जाती है। इस अवस्था में यदि लड़के के मन में सेक्स के प्रति या योनि के विषय में गलत धारणाएं बन जाए तो उसके मन में स्त्री के प्रति घृणा पैदा होने लगती है। इस तरह मन में स्त्री के प्रति उत्पन्न घृणा का परिणाम यह होता है कि बड़े होने पर भी उसके मन में स्त्री के साथ सेक्स करने को लेकर घृणा बनी रहती है वह समानलिंग की ओर ही आकर्षित होने लगता है। इस तरह बालावस्था के दौरान लड़कियों के मन में भी सेक्स के विषय में गलत धारणाएं बनने पर वे बड़े होने पर समलिंगता का शिकार हो जाती हैं।

लड़कियों के बीच समलिंगताः

समलिंगता कॉलेजों में पढ़ने और हॉस्टल में रहनी वाली लड़कियों में अधिक पाई जाती है। हॉस्टल या ऐसे माहौल में रहने वाली लड़कियां जहां उसे सेक्स इच्छा की पूर्ति के लिए लड़के नहीं मिलते हैं, वे समलिंगता का शिकार हो जाती हैं। इस तरह की स्थिति में लड़कियां एक-दूसरे की ओर आकर्षित होने लगती हैं। समलिंगता की शिकार लड़कियां अपनी सेक्स इच्छा की पूर्ति के लिए एक-दूसरे को आलिंगन और चुंबन करती हैं। इसमें दोनों या तो एक-दूसरे के भगांकुर घर्षण करके आनन्द प्राप्त करती हैं या एक-दूसरे की योनि में अंगुली डालकर सेक्स का आनन्द लेती हैं। इस तरह के संबंध बनाने वाली लड़कियों को लेस्बियन कहा जाता है। समलिंगता की प्रवृत्ति विदेशों में अधिक पाई जाती है। भारत में इस प्रकार के संबंध बहुत कम देखने को मिलते हैं।

समलैंगिक स्त्रियां आपस में स्त्री-पुरुष के समान व्यवहार करती हैं और सेक्स का आनन्द प्राप्त करती हैं। इस क्रिया के दौरान एक स्त्री पुरुष के समान व्यवहार करती है और दूसरी स्त्री, स्त्री के समान व्यवहार करती है। इस क्रिया में पुरुष के समान व्यवहार करने वाली स्त्री दूसरी स्त्री को पुरुष के समान ही आलिंगन, चुंबन, स्पर्श आदि कामक्रिया करती है और अंत में योनि घर्षण द्वारा कामवासना को शांत करती हैं। समलिंगता में पुरुष के समान व्यवहार करने वाली स्त्री के शरीर पर पुरुष के समान बाल होते हैं।

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