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महिला को सन्तुष्ठ करने का तरीका(पूर्ण यौन तृप्ति)(Complete sexual fulfillment)

पूर्ण यौन तृप्ति (Complete sexual fulfillment)

परिचय-

हर स्त्री के शरीर में बहुत से कामोत्तेजक अंग होते हैं जिनको हल्का-सा छूने से या सहलाने से ही स्त्री के अंदर यौन उत्तेजना जाग उठती है। इनमें स्त्री के स्तन, जांघें, भगनासा और कटि प्रदेश जैसे अंग आते हैं। अगर स्त्री के साथ संभोग करने से पहले उसके इन अंगों को सहलाकर या चूमकर उसे संभोग करने से लिए अच्छी तरह से उत्तेजित कर लिया जाए तो संभोग क्रिया में स्त्री और पुरुष दोनों को ही आनंद आता है। स्त्री के हावभाव को देखकर ही पता लगा लिया जा सकता है कि वह आपके साथ संभोग क्रिया के लिए पूरी तरह से तैयार है।

अगर स्त्री की यौन उत्तेजना को जगाए बिना ही उसके साथ संभोग किया जाए तो उसे इस क्रिया में पूरी तरह से आनंद प्राप्त नहीं होगा और वह बेबस प्राणी की तरह बिस्तर पर पड़ी रहेगी और पुरुष को संभोग क्रिया में सहयोग नहीं करेगी। इसी वजह से न तो पुरुष संभोग का असली मजा प्राप्त कर पाएगा और न ही स्त्री। हो सकता है कि इसके कारण स्त्री-पुरुष से कुछ दिन में ही दिन में कटने सी रहने लगे और उसके मन में यह आए कि मेरे पति को संभोग के बारे में कुछ जानकारी ही नहीं है।

स्त्रियों के अंदर मासिकस्राव के दौरान काम उत्तेजना कम या ज्यादा होती रहती है। मासिकस्राव आने से 2-3 दिन पहले या 2-3 दिन के बाद स्त्री में काम उत्तेजना बढ़ी हुई रहती है। इन दिनों में अगर स्त्री के साथ संभोग किया जाए तो वह अपने पुरुष साथी को इस क्रिया में पूर्ण सहयोग देती है इसलिए पुरुष को चाहिए कि वह स्त्री के मासिकस्राव आने से 2-3 दिन पहले या बाद में उसके स्वभाव का ध्यान रखें। अगर इस समय स्त्री के हावभाव या हरकतों से पुरुष को ऐसा ज्ञात होता है कि स्त्री शारीरिक संपर्क में ज्यादा रुचि ले रही है तो कोशिश करें कि उसकी यह इच्छा किसी तरह से पूरी हो जाए उसकी इस इच्छा को मरने न दें।

यह बात हर पुरुष अच्छी तरह से जानता है कि किसी भी स्त्री में अगर काम उत्तेजना जागती है तो वह अपनी इस इच्छा को खुद पुरुष के सामने प्रकट नहीं कर सकती। जो समझदार पुरुष होते हैं वह स्त्री की इस बढ़ती हुई काम उत्तेजना को खुद ही समझ लेता है। किसी भी स्त्री के अंदर जब भी काम उत्तेजना जागृत होती है तो वह खुद ही अपने पुरुष साथी के शरीर से अपने शरीर को छुआती रहती है, उसके शरीर के अंगों को बार-बार छेड़ती रहती है. उससे अलिंगन करने का प्रयास करती है। पुरुष को जब भी अपनी साथी स्त्री में ऐसे लक्षण नजर आते हैं तो उसे उसकी इस काम उत्तेजना को शांत कर देना चाहिए।

स्त्रियों के शरीर के इन कामोत्तेजित अंगों के बारे में पुरुष को स्त्री से ही जानकारी मिल सकती है लेकिन इसके लिए पुरुष को स्त्री का पूर्ण सहयोग और भरोसा प्राप्त करना होगा। अगर पुरुष स्त्री का संकोच आदि समाप्त करने में सफल हो जाता है तो इससे स्त्री संभोग क्रिया के समय अपने शरीर की प्रतिक्रिया, उत्तेजना और अनुभूति पुरुष को बताने से किसी तरह से हिचकिचाहट नहीं करेगी। इससे स्त्री और पुरुष दोनों को ही संभोग क्रिया के समय पूर्ण संतुष्टि प्राप्त होती है।

बहुत से पुरुष अपनी कामोत्तेजना के वशीभूत होकर अपनी साथी स्त्री की इच्छा विरुद्ध उससे संभोग करने लगते हैं जिसका परिणाम यह होता है कि वह स्त्री की काम उत्तेजना को शांत किए बिना ही स्खलित हो जाता है जिसका नतीजा यह होता है कि स्त्री की यौन उत्तेजना पूरी तरह से शांत नहीं हो पाती और वह कुछ ही समय में अपने पति के खिलाफ अपने मन में नफरत सी भर लेती है।

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