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प्रश्नोत्तर

त्वचा सौंदर्य संबंधी तीन ज़रूरी जानकारियां


स्किन एक्सफोलिएशन के लिए सबसे ज्यादा जरूरी क्या है ? 

स्किन एक्सफोलिएशन के लिए स्क्रब सबसे जरूरी पार्ट है। स्क्रब से स्किन के ओपन पोर्स कम होते हैं और डेड स्किन खत्म हो जाती है। यही नहीं , स्क्रब करते रहने से ओपन पोर्स साफ रहते हैं , जिससे स्किन में इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा , एक्सफोलिएशन के लिए अगर आप बायो - ऑगेर्निक एक्सफोलिएटिंग क्रीम और अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड युक्त सुपर फेशियल नेचरल पील्स का इस्तेमाल करेंगी , तो स्किन एकदम रिफ्रेश हो जाएगी। 

मेरी उम्र 18 साल है। क्या फेस पैक चेहरे के लिए जरूरी है ? इससे स्किन पर क्या असर होता है ? 
स्किन को फ्रेश और हेल्दी बनाए रखने के लिए उसकी सफाई पर खास ध्यान देना जरूरी है। फेस पैक स्किन की देखभाल में जरूरी भूमिका निभाते हैं , क्योंकि इनसे क्लीनिंग और टोनिंग अच्छी तरह हो जाती है। नेचरल चीजों से तैयार फेस पैक्स को आजमाकर आप भी अपने रंग - रूप को निखार सकती हैं। 

स्किन केयरस्किन पर दिखाई देने वाली रेडनेस , कॉम्प्लेक्शन एक समान न होना और फ्रेकल्स जैसी प्रॉब्लम्स से निजात पाने के लिए क्या करना चाहिए ? 
आमतौर पर स्किन पर रेडनेस , कॉम्प्लेक्शन एक समान न होना , फेकल्स , एक्ने और सन डैमेज से जुड़ी दिक्कतें देखने में आती हैं। हालांकि इनसे तुरंत निजात पाना आसान नहीं है , लेकिन ट्रीटमेंट के जरिए इन्हें कम जरूर किया जा सकता है। इसके लिए सबसे आसान तरीका स्किन पॉलिशिंग है। इससे डर्टी और फ्लेकी स्किन खत्म हो जाती है और स्किन टोन में निखार आता है। यही नहीं , पोर्स साइज छोटे होने के साथ ही डेड सेल्स से भी मुक्ति मिलती है। इसके अलावा , स्किन पॉलिशिंग से फाइन लाइंस , रिंकल्स और स्किन के दाग - धब्बों को भी कम करने में भी मदद मिलती है

आपको ऐसी कोई समस्या तो नहीं?


मेरे बच्चे की उम्र 10 है। उसे सांस की बीमारी है। कभी-कभी सांस का अटैक पड़ता है जिससे बहुत अधिक परेशान हो जाता है। इसके चलते बहुत आंखे लाल हो जाती हैं। डॉक्टर के परामर्श पर इन्हेलर चलता है लेकिन वह नियमित नहीं चल पाता है। 
 डॉक्टर की सलाह पर अगर इन्हेलर चल रहा है तो उसे नियमित रूप से दें। इसमें जरा सी कोताही बच्चे की तकलीफ को बढ़ा सकती है। इसके अलावा इसमें कई जांचे होती है जिनको आप डॉक्टर के परामर्श पर बच्चे को दें। मौसम बदलने के साथ खासकर बारिश के दिनों में जिन्हें सांस की किसी प्रकार की परेशानी है वह जांच अवश्य करायें। अस्थमा के रोगियों को काफी संभलकर रहना चाहिए। 

मुझे काफी समय से सांस फूलने की परेशानी है। सर्दी-जुकाम भी बना रहता है और नाक बहती है। इन्हेलर लेता हूं पर नियमित नहीं। स्प्रे भी लेता हूं लेकिन परेशानी बनी रहती है। 
 मौसम बदलने के साथ सांस के मरीजों को काफी दिक्कते होने लगती हैं। सांस के मरीज को हमेशा सर्दी-जुकाम को ठीक रखना चाहिए। स्वयं कोई उपचार न करें। इन्हेलर और स्प्रे बराबर लेते रहें।

 मेरी उम्र 20 है। हमेशा बलगम आने की समस्या बनी रहती है। सांस भी फूलती है और गला भी खराब रहता है। जिस वक्त सांस फूलती है तभी सीने में दर्द भी होने लगता है। क्या करें। - 
आप जिस प्रकार से परेशानी बता रहे है उससे लग रहा है आपको एलर्जी की शिकायत है। इसके लिए आप डॉक्टर की सलाह पर पीएफटी (पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट) करायें। साथ ही सीने और कुछ अन्य जांचे भी करानी होंगी। इसके अलावा बचाव में आप धूल, धुएं से खासकर बचें।

गर्मियों में लाल चकत्ते पड़ जाते हैं जिसमें काफी खुजली होती है। - 
आपको त्वचा की एलर्जी है। इसके लिए आप किसी चर्म रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क करें । 

खांसी और अस्थमा की कई वर्षो से शिकायत है। चलते समय भी सांस फूलने लगती है और सीने में दर्द होने लगता है। पंखा तक बर्दाश्त नहीं होता है। डॉक्टर के परामर्श पर पूरी दवा ले रहा हूं। अक्सर इन्हेलर और भाप भी लेता हूं। इसके बाद कुछ देर आराम होता है फिर स्थिति पहले जैसी हो जाती है।
मौसम बदलते ही सांस के मरीजों को दिक्कतें बढ़ने लगती हैं। इसके लिए उन्हें बारिश, नमी, सीलन, सेमल की रूई, धूल और धुएं से खासकर बचना चाहिए। अगर किसी चीज से एलर्जी है तो उससे भी दूर रहना चाहिए। इसके अलावा बारिश के दिनों में सांस के रोगियों को जांच अवश्य करानी चाहिए। नियमित इन्हेलर लेते रहें। 

कभी-कभी सांस फूलने लगती है। खासकर यह उस समय होता है जब अगरबत्ती की खुशबू आती है। यह परेशानी दो-तीन महीनों से हो रही है। डॉक्टर को दिखाया लेकिन फायदा नहीं हुआ। 
कुछ लोगों को तेज खुशबू से एलर्जी होती है। इसके लिए आप डॉक्टर के परामर्श पर कुछ जांच करायें। उसके बाद ही पता चल सकता है आपको किन-किन चीजों से एलर्जी है और उसी के बाद कोई उपचार करना ठीक होगा। 

बारिश के दिनों और सर्दी में सांस की तकलीफ हो जाती है। इस वक्त चलने में भी सांस फूलने लगती है।
सांस के रोगियों को बारिश के दिनों में इस प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ता है। आपको एलर्जी की शिकायत है। इसके लिए डॉक्टर की सलाह पर कुछ जांचे करायें। घबराये नहीं आप की बीमारी पर नियंत्रण हो जाएगा। 

पांच-छह वर्षो से अस्थमा की शिकायत है। डॉक्टर के परामर्श पर दवा और इन्हेलर ले रही हूं लेकिन इन्हेलर नियमित रूप से नहीं लेती हूं जिस वक्त परेशानी होती है तभी इन्हेलर का प्रयोग करती हूं।
 अस्थमा के रोगियों को लगातार इन्हेलर लेना चाहिए। इससे परेशानी नहीं होती है। इसके अलावा आप चिकित्सा विश्र्वविद्यालय में मंगलवार को ओपीडी में दिखाकर पीएफटी जांच करायें। 

सांस लेने में सीने में दर्द होता है और नाक में भी परेशानी रहती है। 
आपको नाक और सांस में एलर्जी की शिकायत है। इसके लिए आप किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाकर इस परेशानी से सम्बन्धित सभी जांचे करवायें। 

एक साल से परफ्यूम, खुशबू, सीलन से बहुत अधिक परेशानी होती है। यहां तक कि हल्की सी खुशबू से भी परेशानी हो जाती है। गले में भी परेशानी है। 
 आपको एलर्जी की शिकायत हो सकती है। इसके लिए आप नाक और गले की एलर्जी की जांच करायें। यह परेशानी कभी जड़ से खत्म नहीं होती है। लगातार उपचार ही इसका निदान है।

 इन दिनों स्वाइन फ्लू बहुत फैला है। व्यक्ति में किस प्रकार के लक्षणों से इस बीमारी को पहचाना जा सकता है। 
 इस समय लगातार स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हैं जिससे काफी लोग डरे हुए हैं जबकि इससे डरने की आवश्यकता नहीं है। आवश्यकता है तो बस सही समय पर पहचानने की। सामान्यतया एच1एन1 फ्लू मौसमी फ्लू की तरह ही होता है। इसमें पुरानी बीमारी बिगड़ जाती हैं। साथ ही इसमें बुखार, छींके, खांसी, गले में तकलीफ, बलगम या फिर इसमें खून, कंपकपी, तेज बुखार, सिर दर्द, टूटन व शरीर में तेज दर्द खासकर पीठ, पैर और बांहों में, शरीर में थकान व कमजोरी लगना, खड़े होने व चलने फिरने में चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ, सांस लेने में आवाज, भूख न लगाना, दस्त व झटके आना इसके प्रमुख लक्षण हैं। इसके गम्भीर लक्षण में नाखून, होंठ, जीभ भी नीली पड़ना और निमोनिया भी हो जाता है। यदि किसी व्यक्ति में यह लक्षण हैं तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए। सही समय पर उपचार से स्वाइन फ्लू से बचा जा सकता है।

इन दिनों स्वाइन फ्लू काफी फैला हुआ है। इससे बचने के क्या उपाय हैं। - 
 स्वाइन फ्लू के फैलने की सम्भावना नमी और सर्दी में अधिक हो जाती है। इसलिए ऐसे में मौसम में लोगों को खास ध्यान देना चाहिए। खासकर उस समय जब यह बीमारी फैली हुई हो। ऐसे समय व्यक्ति को बहुत सी सावधानियां रखनी चाहिए। इनमें मॉल या ऐसे स्थानों पर जाने से बचें, जहां बहुत अधिक भीड़ हो, अस्पताल में मुंह पर कपड़ा रखे, छींकते समय अपने नाक और मुंह को कपड़े से ढक कर रखे, हाथ बार-बार धोयें, अगर किसी स्वाइन फ्लू के मरीज से मिलने जा रहे हैं तो मॉस्क पहन कर ही जायें। बीमार व्यक्ति से काफी दूरी बनाये रखें। बच्चों और बूढ़े व्यक्तियों में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, उन्हें ऐसे स्थानों से दूर रखें, फ्लू से पीडि़त हों तो घर पर ही रहें, बिना हाथ धोयें मुंह के किसी हिस्से को न छुएं जैसी सावधानियां रखकर इस बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है।

 साइनुसाइटिस की परेशानी है। डॉक्टर के परामर्श पर दवा ले रहा हूं लेकिन बीच-बीच में बीमारी उखड़ आती है। नाक का एक्सरे कराया तो नेजेल पॉलिप निकला। क्या स्थायी निदान बतायें। - 
आप जो समस्या बता रहे है वह दवा से नियंत्रण में रहता है। अगर फिर भी दवा से न ठीक हो तो एक छोटे से आपरेशन के बाद यह समस्या बिल्कुल ठीक हो जाती है। आप चिकित्सा विश्र्वविद्यालय में आकर दिखायें। 

पांच महीने से नाक में परेशानी है। सर्दी-जुकाम भी बना रहता है और नाक लगातार बहती है। डॉक्टर को दिखाने पर उन्होंने नाक में एलर्जी बतायी। क्या उपचार करें? 
आपको एलर्जी की ही समस्या है। एलर्जी की समस्या में जांच के बाद ही कुछ बताया जा सकता है इसलिए डॉक्टर की सलाह पर जांच अवश्य कराये। किसी भी परेशानी को नजरअंदाज न करें।

 मेरी उम्र 62 है। सांस फूलने की समस्या से पीडि़त हूं। पैदल चलने पर और अधिक सांस फूलती है। इसके अलावा कोई भी मेहनत का काम करने पर सांस फूलने पर लगती है। एलर्जिक अटैक जैसा पड़ता है। सिटी-स्कैन से लेकर सभी जांचे करवा चुका हूं और डॉक्टर की सलाह पर दवा ले रहा हूं लेकिन पूरी तरह फायदा नहीं हो रहा है। बीड़ी-सिगरेट भी नहीं पीता हूं। -
 बढ़ती उम्र के साथ लोगों में सांस सम्बन्धी दिक्कतें होने लगती हैं लेकिन आप जिस प्रकार से परेशानी बता रहे है उससे पता चल रहा है कि आपको बहुत अधिक परेशानी है। आपको एलर्जी और अस्थमा की अधिक समस्या है। इसके लिए आप पीएफटी (पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट) करायें। अधिक एंटीबॉयटिक दवा न लें। साथ ही आप जो दवा ले रहे हैं वह कहीं न कहीं गलत भी हो सकती है। इसीलिए फायदा नहीं हो रहा है। इसमें आपको एलर्जी के इलाज की आवश्यकता है। इसलिए किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाकर एलर्जी का इलाज कराये। आपको शीघ्र लाभ होगा। 

सांस लेते समय सीने में दर्द होता है। गले में भी परेशानी होती है और पेट भी साफ नहीं रहता है। 
आप जिस तरह की परेशानी बता रहे हैं उससे लगता है आपको एलर्जी की शिकायत है। आप धूल और धुंए से हमेशा बचें। अगर कहीं ज्यादा जरूरी हो तो मुंह पर कपड़ा रख लें। इसके अलावा डॉक्टर के परामर्श पर कुछ जांचे करवायें या फिर चिकित्सा विश्र्वविद्यालय की ओपीडी में दिखायें। परेशान न हों आप की परेशानी ठीक हो जाएगी। 

मेरी उम्र 21 है। सीने में जकड़न रहती है। सांस लेने में भी कठिनाई होती है और सूखी खांसी आती है।
आप जो समस्या बता रहे हैं वह अस्थमा के लक्षण लग रहे हैं। इसके लिए डॉक्टर के परामर्श पर जांचे करवायें। उसके बाद नियमित उपचार चलेगा। आपकी परेशानी ठीक हो जाएगी। 

खाना बनाते समय स्टोप के धुएं से जुकाम हो जाता है और छींकें आने लगती हैं। नाक से पानी भी निकलता है। मैकेनिक का काम करता हूं। कुछ समस्या उससे भी होती है। 
आपको नाक और गले में एलर्जी की शिकायत है। आप धूल और धुएं से बचें और किसी अच्छे चिकित्सक को दिखाकर कुछ जांचे करायें। इसके बाद नियमित दवा का सेवन करें। अगर अभी परेशानी को नजरअंदाज करेंगे तो यह समस्या और बढ़ सकती है। यहां तक कि आपको हमेशा धूल और धुएं से यह शिकायत बनी रहे। 

मेरी लड़की के कंधे पर सफेद धब्बे हैं जो सफेद दाग जैसा लगता है। क्या करें?

आपकी बेटी को फंगल इन्फेक्शन हो सकता है। इसके लिए आप किसी चर्म रोग विशेषज्ञ के पास जायें।

स्वास्थ्य प्रश्नोत्तर


मेरी उम्र 42 साल है। अस्थमा का रोगी हूं। बीते कुछ दिनों से सांस लेने में काफी दिक्कत है। इंहेलर ले रहा हूं लेकिन कोई खास फायदा नहीं हो रहा। क्या करूं? -
आपको एक बार फिर किसी वरिष्ठ चिकित्सक से मिला चाहिए। साथ ही नियमित रूप से हर दो-तीन महीने में अपनी जांच कराते रहना चाहिए, तभी बेहतर उपचार संभव होगा। आप चाहें तो चिकित्सा विवि में मुझसे संपर्क भी कर सकते हैं। 

मेरी उम्र 45 साल है। लंबे समय से सांस की बीमारी है। खांसी भी आती है। इस वजह से काफी परेशान हूं। कृपया उपचार बताएं?
आपका परीक्षण किए बिना इलाज बताना ठीक नहीं होगा। बेहतर होगा यदि आप फेफड़ों की जांच करा लें और जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से मिलें। सारी जांच रिपोर्ट लेकर ही चिकित्सक के पास जाएं। 

मेरे पति की उम्र 35 साल है और वे गुटखा खाने के आदी है। सर्दियों के मौसम में उनको बहुत ज्यादा खांसी आती है लेकिन बलगम नहीं निकलता। लगता है कि मुझे भी इसका संक्रमण की गया है। बहुत परेशान हूं। मुझे क्या करना चाहिए? 
दो-तीन माह तक लगातार खांसी आना सामान्य बात नहीं है। यदि ऐसी तकलीफ हर साल होती है तो आपके पति को फेफड़ों की जांच अवश्य करानी चाहिए। इसके बाद किसी वरिष्ठ चिकित्सक से अपना उपचार कराना चाहिए। गुटखा खाने से उनका मर्ज बढ़ता जाएगा। 

मेरी उम्र 30 साल है। जब से ठंड बढ़ी है खूब छीकें आ रही हैं। खांसी के साथ भी फूलती है। कृपया उपचार बताएं? 
संभवत: आपको एलर्जी हुई है। बेहतर होगा यदि नाक, कान व गले की जांच कराएं और किसी नाक, कान व गला रोग विशेषज्ञ की सलाह लें। फेफड़े की स्पाइरोमेट्री जांच करा लें तो बेहतर होगा। 

बीते अप्रैल से मेरा ईएसआर बढ़ा हुआ है। हीमोग्लोबिन 12.5 था। इसके बाद भी कई बार जांच कराई तो ईएसआर बढ़ा हुआ था, क्या इससे मुझे दिक्कत हो सकती है
ईएसआर बढ़ना आम बात है, आप परेशान न हों। आपका हीमोग्लोबिन थोड़ा कम है, खान-पान पर ध्यान देकर इसे ठीक किया जा सकता है। इसके बाद भी कोई तकलीफ हो तो चिकित्सक से मिलें। 

जुकाम में दवा लेना कितना उचित है? इससे कोई नुकसान हो सकता है? कृपया सलाह दें। -
आमतौर पर जुकाम चार-पांच दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। इसके लिए दवा लेने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। विशेष तकलीफ होने पर ही दवा लें। 

मेरी उम्र 42 साल है। सांस लेने में दिक्कत होती है और जुकाम भी बना रहता है। पिछले चार-पांच सालों से इंहेलर ले रहा हूं। क्या इंहेलर लेने से कोई नुकसान हो सकता है? 
 यदि आप बीड़ी सिगरेट पीते हैं तो तुरंत छोड़ दें। नियमित रूप से अपनी जांच कराकर दवा लेते रहें। इंहेलर लेने से कोई नुकसान नहीं होता, ऐसे लोग भी देखे गए हैं जो बीस साल से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। कई बार डॉक्टर इंहेलर कम करने की सलाह देते हैं, लिहाजा इस बाबत डॉक्टर से जरूर मिलें। 

मेरा बेटा 16 साल का है। उसे अस्थमा की शिकायत है और पिछले चार महीने से उसे बुखार भी रहता है। पढ़ाई में भी उसका मन नहीं लगता, पीजीआइ में दिखा रहा हूं लेकिन आराम नहीं है। क्या करूं?
बच्चे को बिना देखे कुछ भी कह पाना ठीक नहीं है। मुझसे मिलने के लिए आप ओपीडी में आ सकते हैं। आते वक्त अपने साथ सारी जांच रिपोर्ट अवश्य लाएं। 

मेरे मित्र की उम्र 22 साल है। वह हकलाता है। क्या इसका कोई उपचार संभव है?-
ईएनटी विशेषज्ञ से मिलकर जांच करा लें कि कहीं आपके मित्र के गले में कोई दिक्कत तो नहीं। वैसे हकलाना कोई बीमारी नहीं है, उम्र के साथ यह आदत कई बार ठीक हो जाती है। 

मेरे पिता की उम्र 62 साल है। नहाने, सीढि़यां चढ़ने, यहां तक कि कपड़े बदलने में भी उनकी सांस फूलने लगती है। सिगरेट पीने की आदत वह 15 साल पहले छोड़ चुके हैं, उन्हें टीबी की भी शिकायत थी।
लंबे समय तक सिगरेट पीने की वजह से भी ऐसा हो सकता है। बिना देखे उपचार बताना संभव नहीं है। आपको चाहिए कि जल्द से जल्द उन्हें चिकित्सा विवि के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में किसी वरिष्ठ चिकित्सक को दिखाएं। 

मुझे कई दिनों से बुखार है, सिरदर्द भी बना रहता है, उपचार बताएं? 
बुखार में सिरदर्द अक्सर हो जाता है। बेहतर होगा यदि आप किसी वरिष्ठ फिजीशियन से मिलकर उपचार कराएं। पांच दिन पहले बुखार आया था दवा खाने के बाद ठीक हो गया हूं लेकिन अब खासी के साथ सांस फूलती रहती है। 

15 साल पहले टीबी हुई थी। अब सीने में दबाव महसूस हो रहा है। उपचार बताएं? 
बुखार के बाद कई बार इस तरह की तकलीफ हो जाती है। आप गुटखा खाना बिल्कुल छोड़ दें। बलगम व एक्स-रे की जांच करा लें। सभी जांचों के साथ किसी वरिष्ठ चिकित्सक से संपर्क करें। 

मुझे पिछले चार-पांच माह से हल्का बुखार रहता है। हाथ-पैर में दर्द बना रहता है लेकिन एक्स-रे सामान्य आया है। परामर्श दें। 
आपको जांच रिपोर्ट लेकर किसी वरिष्ठ फिजीशियन से मिलना चाहिए। परामर्शदाता की सलाह लें। कई बार किसी अन्य बीमारी की वजह से शरीर का तापमान बढ़ जाता है। 

मेरी उम्र 32 वर्ष है, सांस बहुत ज्यादा फूलती है। कई जगह इलाज कराने के बाद डॉक्टर ने बताया कि अस्थमा है। मुझे क्या करना चाहिए? 
अस्थमा कभी जड़ से खत्म नहीं होता। नियमित दवा लेने से इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है। आपको दवाएं नियमित रूप से खानी चाहिए। बेहतर होगा यदि आप एक बार फिर किसी वरिष्ठ चिकित्सक से सलाह लें। 

मेरे बेटे की उम्र 14 साल है। उसे कई महीने से बुखार आ रहा है। खाना भी ठीक से नहीं खाता है, क्या करूं?-
संभवत: आपके बेटे को बुखार की वजह से कमजोरी बनी हुई है। इस वजह से उसका खाने-पीने में मन नहीं लग रहा है। आपको किसी वरिष्ठ चेस्ट रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए। 

मेरी उम्र 30 वर्ष है। पिछले सात दिनों से दाहिने हाथ में दर्द बना हुआ है। कृपया उपचार बताएं?-
इस मौसम में अक्सर पुरानी चोटें दर्द करती हैं। आपको किसी हड्डी रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए। 

मेरी उम्र 38 वर्ष है। हर साल ठंड की शुरुआत होते ही पानी जैसी नाक बहने लगती है। घर में मेरे भाई को भी यही दिक्कत है।  
एलर्जी की वजह से आपको यह दिक्कत हो रही है। आपको ईएनटी विशेषज्ञ से मिलना चाहिए। 

दस महीने पहले मेरे गले में गिल्टी हो गई थी। दवा खाने के बाद गिल्टी खत्म हो गई लेकिन परेशान हूं कि कोई बड़ी बीमारी न पनप रही हो, मुझे क्या करना चाहिए?
गिल्टी गल गई है और बीते दस माह से कोई दिक्कत नहीं है तो आप परेशान न हों। हालांकि आपसे मिलने के बाद ही कुछ कह पाना संभव होगा। 

मेरी उम्र 30 वर्ष है। पिछले सात-आठ वर्षो से ठंड की शुरुआत होते ही खराश और खांसी हो जाती है। गुटखा भी खाता हूं। उपचार बताएं?-
गुटखा खाना बंद कर दें। यह आपके फेफड़ों को गला रहा है। बेहतर होगा यदि आप फेफड़ों की जांच कराकर चिकित्सा विवि की ओपीडी में दिखाएं। 

मेरी उम्र 55 साल है। कोई भी भारी काम करने पर हांफने लगता हूं। कभी-कभी बीड़ी पी लेता हूं। कुछ दिनों से दिक्कत बढ़ गई है, क्या करूं? 
धूम्रपान सेहत के लिए हानिकारक है, सबसे पहले इसे बंद करें। आपको किसी चेस्ट रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए। 

बीते एक महीने से खांसी आ रही है। सांस भी फूलती है। बीते कई साल से ऐसा हो रहा है, कृपया उपचार बताएं?
बिना देखे कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा। आपको फेफड़ों की जांच कराकर किसी वरिष्ठ चेस्ट रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए। 

दो महीने से खांसी-जुकाम और सिरदर्द बना हुआ है, नाक भी बहती रहती है। दवा लेने से राहत मिलती है, लेकिन स्थायी इलाज नहीं मिल पा रहा, क्या करूं? 
 संभवत: आपको एलर्जी हुई है। सही उपचार न मिलने की वजह से परेशानी बनी हुई है। बेहतर होगा यदि आप किसी अच्छे चेस्ट रोग विशेषज्ञ की सलाह लें। 

मेरी उम्र 64 वर्ष है और लंबे समय से मधुमेह रोगी हूं। जब से ठंड बढ़ी है, मुझे खांसी व बलगम की तकलीफ बनी रहती है और सांस भी फूलती है। क्या करूं?
मधुमेह होने की वजह से कोई भी सामान्य बीमारी घातक हो सकती है। मधुमेह शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकती है। लिहाजा आप अपने फेफड़ों की जांच करा लें और इसके बाद किसी वरिष्ठ चिकित्सक की सलाह लें। 
घर में कई लोग खांसी-जुकाम से पीडि़त हैं। अन्य लोगों को यह तकलीफ न हो इसके लिए क्या करना चाहिए?
खांसी-जुकाम का संक्रमण अन्य लोगों को न हो इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को मुंह पर हाथ रखकर या कपड़ा लगाकर खांसना या छींकना चाहिए। किसी मरीज को पल्मोनरी एडिमा हो तो क्या करना चाहिए?-डॉ.एससी गुप्ता, लखनऊ यह बेहद घातक बीमारी है, ऐसा होने पर मरीज को इमरजेंसी में तुरंत इलाज मिलना चाहिए। इसके कई कारण होते हैं, लिहाजा कारण को देखते हुए ही इलाज किया जाता है

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