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शीघ्र पतन के लक्षण-

शीघ्र पतन  के लक्षण-

१)  शीघ्र पतन रोगी का लिंग  बहुत जल्दी  उत्तेजना में आजाता है और  लिंग में पर्याप्त कठोरता न आने के बावजूद वीर्यपात हो जाता है। लिंग में कडापन नहीं आने से कभी -कभी तो लिंग  यौनि में प्रविष्ट करने  में भी  मुश्किल होती है।


२)  रोगी व्यक्ति अश्लील चित्र देखते हैं या नदी तालाब मे नहाती कम वस्त्र स्त्रियों को देखता है तो उत्तेजना होकर वीर्य निकल जाता है।

३)  संभोग के दौरान स्त्री चरम उत्तेजना पर नहीं पहुंच पाती और स्त्री के खारीज होने के पहिले ही मर्द खारीज हो जाता है। पुरुष का लिंग एकदम सुस्त पड जाता है। स्त्री मन मसोस कर रह जाती है।

४)  शीघ्र पतन रोगी का वीर्य पतला पड जाता है।

५) पेशाब या शौच निवृत्त  होते   वक्त जोर लगाने से वीर्य की बूंदे  निकल जाती है।


 इस विषम स्थिति से निजात पाने के लिये मैं कुछ उपचारों का उल्लेख कर रहा हूं जिनके समुचित प्रयोग  से पुरुष  भरपूर सेक्स का आनंद लेने के  काबिल हो जाता है--
१)  तालमखाना  के बीज ५० ग्राम  लेकर अदरक के रस में आधा घंटे भिगोएं,फ़िर सुखाएं। आपको ऐसा तीन बार करना है। अब इनका चूर्ण  बनालें। अब इस चूर्ण को २०० ग्राम शहद में अच्छी तरह मिश्रण करके शीशी में भर ले  शीघ्र पतन की दवा तैयार है। १० ग्राम औषधि सुबह-शाम गाय के दूध के साथ लेने से  जल्दी छूट होने की  व्याधि में लाभ होता है।

  २)  सतावर का चूर्ण ३ ग्राम मीठे दूध( मिश्री मिला दूध) के साथ लेते रहने से शीघ्र पतन रोग  नष्ट होता है।


३)  तुलसी के पांच पत्ते  और ३ ग्राम बीज(तुलसी के) नागर वेल के पान में रखकर चबाकर खाएं । शीघ्र पतन की अच्छा  उपचार है।


 ४)    असगंध और सतावर  चूर्ण ३-३ ग्राम दूध के  साथ सुबह -शाम लेते रहने से शीघ्र पतन रोग काबू में आ जाता ह।


 ५)   शिलाजीत इस रोग की महान औषधि मानी गई है।  विश्वसनीय निर्माता  का  ही शिलाजित खरीदें। वर्ना धोखा हो सकता है।

       ६)   गाजर का रस २०० मिलि में लहसुन के रस की १० बूंदे डालकर  पीना  स्तंभन बढाने वाला होता है।
उडद की दाल २० ग्राम पानी में  ३ घंटे भिगोएं  फ़िर पीसलें इसमें घी और शहद  १०-१० ग्राम  मिश्रित कर  चाट लें और ऊपर से एक गिलास मिश्री मिला दूध  पी जाएं। संभोग शक्ति वर्धक उपचार है।

7)  शीघ्र पतन की समस्या से निजात पाने के लिये एक बहुत ही कारगर उपचार लिख देता हूं,जरूर लाभ उठावें--

देशी घी २०० ग्राम,शहद १०० ग्राम ,मुलहठी १०० ग्राम और बंग भस्म २० ग्राम  लेकर भली प्रकार मिश्रण बनाएं।  यह दवा एक चम्मच सुबह और एक चम्मच शाम को लेते रहने से  कई पुरुष लाभान्वित हुए हैं।


 ८)     पांव के तलवे पर दस मिनट तक ठंडे जल की धार लगाने से शीघ्र पतन में लाभ होता है।

 ९)    ७ नग बादाम,३ नग काली मिर्च  और ३ ग्राम मिश्री मिलाकर चूर्ण करलें गरम दूध के साथ  पीते रहने से जल्दी छूट नहीं होगी।

१० ) रात को सोते वक्त पेडू और जननेंद्रिय  पर मिट्टी की पटी लगाना चाहिये। कुछ ही दिन में फ़र्क नजर आयेगा।

११)  शीघ्र पतन रोगी को कब्ज रहती हो तो  सुबह -शाम कुन कुने पानी से एनीमा करना चाहिये। इससे कब्ज भी ठीक होगी और शरीर के दूषित पदार्थ बाहर निकलेंगे।

१२)   शीघ्र पतन रोगी को २४ घंटे में ४ लिटर पानी पीने की आदत डालना चाहिये।

१३) नीली बोतल का सूर्य तप्त जल २५ मिलि की मात्रा मे दिन में आठ बार पीने से शीघ्र पतन रोग नष्ट होता है|

१४)   शीघ्र पतन की समस्या निवारण के लिये दो  सेक्स  सत्र  के बीच की अवधि  कम रखें। ज्यादा दिन बाद सेक्स करेंगे तो वीर्य पात जल्दी होगा।

१५)    हस्तमैथुन की आदत हो तो तुरंत त्याग दें। अश्लील चित्र ,फ़िल्म न देखें

१६)  तालमखाना २०० ग्राम,सफ़ेद मूसली १०० ग्राम, गोखरू २५० ग्राम  और मिश्री ६०० ग्राम लेकर चूर्ण बनालें।  एक चम्मच सुबह -शाम लेते रहने से लिंग पुष्ट होगा और जल्दी छूट से छुटकारा मिलेगा।

१७) संभोग के एक सत्र (सेशन) में करीब ४०० से ५०० केलोरी उर्जा aa होती है  इसलिये संभोग के दौरान  तुरंत उर्जा प्रप्त करने के लिये  ग्लुकोस,दूध,जुस आदि का उपयोग करना  उचित है। इस अवधि में हल्की फ़ुल्की बात चीत करते रहने से संभोग का समय बढायाजासकता हैशीघ्र पतन  ठीक करने के लिये चमत्कारिक औषधिया हैं।  महत्वपूर्ण रेमेडीज ये हैं-- टर्नेरा  डेमियाना,कोनियम, एसीड फ़ास, सेलिक्स नाईग्रा, केलेडियम, सेलेनियम, विथानिया सोम्निफ़ेरा(अस्वगंधा) योहिम्बनम, लायकोपोडियम,  बुफ़ो राना आदि । ये औषधियां लक्षणों की समानता के आधार पर चुनी जाती है। मेटेरिया मेडिका से ज्ञान बढाना चाहिये। ज्यादा माथा पच्ची न करना हो तो इनमें से कोई सात दवाएं मिलाकर प्रयोग करके लाभ उठाया जा सकता है

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