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श्वेत प्रदर (ल्युकोरिया) की घरेलू पदार्थों से चिकित्सा.


श्वेत प्रदर (ल्युकोरिया) की घरेलू पदार्थों से चिकित्सा.


श्वेत प्रदर (ल्युकोरिया) की  सरल  चिकित्सा.

                                                                                              

                                                                                                                    

                                                                                              
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                           
  श्वेत प्रदर याने ल्यूकोरिया महिलाओं में होने वाली आम बीमारी है। यह रोग नारी की तंदुरुस्ती का शत्रु है। आयुर्वेदिक मतानुसार कफ़ दोष के प्रकुपित होने पर यह रोग जन्म लेता है।
         श्वेत प्रदर या ल्यूकोरिया (Leucorrhea) सफेद पानी जाना महिलाओं का एक रोग है जिसमें स्त्री-योनि से असामान्य मात्रा में सफेद रंग का गाढा और बदबूदार पानी निकलता है और जिसके कारण वे बहुत क्षीण तथा दुर्बल हो जाती है। महिलाओं में श्वेत प्रदर रोग आम बात है। ये गुप्तांगों से पानी जैसा बहने वाला स्त्राव होता है। यह खुद कोई रोग नहीं होता परंतु अन्य कई रोगों के कारण होता है।

          प्रत्येक महिला को अपने जीवन में कभी न कभी इस रोग से रूबरू होना पड़ता है इस रोग के अधिक बढ़ जाने पर स्त्रियाँ बहुत कमजोर हो जाती हैं और कमर दर्द, सिरदर्द ,पिंडलियों की वेदना आदि लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं पेडू में और कभी कभी पेट में पीड़ा होना भी पाया जाता है।मासिक धर्म के पहले या बाद में यह शिकायत अधिक देखने में आती है यह रोग आसान घरेलू नुस्खों के प्रयोग से ठीक किया जा सकता है। ल्यूकोरिया के सम्बन्ध में अपने चिकित्सा अनुभव यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ आप भी प्रयोग कर लाभ सकते हैं। data-ad-slot="7030952381" style="display: inline-block; height: 280px; width: 336px;">

१) एक ज्यादा पका केला पूरे एक चम्मच देशी घी के साथ खाएं। १५ दिन में फ़र्क नजर आएगा। एक महीना प्रयोग करें।




२)आंवला बीज का पावडर बनालें एक चम्मच पावडर शहद और सौंफ के साथ प्रातःकाल लें।

३)बेल फल का गूदा  श्वेत प्रदर में उपयोगी सिद्ध हुआ है।





४)पाँव भर दूध में इतना ही पानी तथा एक चम्मच सुखा अदरक डालकर उबालें जब आधा रह जाय तो इसमें एक चम्मच शहद घोलकर पीयें बहुत गुणकारी है।
५)आयुर्वेदिक औषधि अशोकारिष्ट इस रोग में अत्यंत लाभप्रद सिद्ध होती है प्रदरान्तक चूर्ण का भी व्यवहार किया जाता है ।


६)भोजन में दही और लहसुन का प्रचुर प्रयोग लाभकारी होता है बाहरी प्रयोग के लिए लहसुन की एक कली को बारीक कपडे में लपेटकर रात को योनी के अंदर रखें , यह कीटाणु नाशक है ,इसी प्रकार दही को योनी के भीतर बाहर लगाने से श्वेत प्रदर में लाभ मिलता है।







७ ) १० ग्राम मेथी बीज पाव भर पानी में उबालें आधा रह जाने पर गरम गरम दिन में २ बार पीना उपादेय है।










८)  छाछ ३-४ गिलास रोज पीना चाहिए इससे योनी में बेक्टीरिया और फंगस का सही संतुलन बना रहता है





९) गुप्त अंग को निम्बू मिले पानी से धोना भी एक अच्छा उपाय है फिटकरी का पावडर पानी में पेस्ट बनाकर योनी पर लगाने से खुजली और रक्तिमा में फायदा होता है। फ़िटकरी श्रेष्ठ जीवाणुनाशक  है और सरलता से मिल जाती है। यौनि  की भली प्रकार साफ़ सफ़ाई  रखना बेहद जरूरी है। फ़िटकरी के जल से यौनि धोना अच्छा  उपाय है।




१०)मांस मछली,मसालेदार पदार्थों का परहेज करें













११) भोजन में हरे पत्तेदार सब्जीयाँ और फल अधिक से अधिक शामिल करें।
१२)  माजूफ़ल चूर्ण ५० ग्राम तथा टंकण क्षार २५ ग्राम लेकर  भली प्रकार मिलाकर  इसकी ५० पुडी बनालें सुबह -शाम एक पुडी  शहद के साथ चाटने से श्वेत प्रदर रोग नष्ट हो जाता है।

१३)    अशोकारिष्ट दवा ४-४ चम्मच बराबर पानी मिलाकर खाने के बाद दोनों समय लेना हितकारी उपाय है।

 १४)  सुपारी पाक एक चम्मच सुबह -शाम दूध के साथ लेने से श्वेत प्रदर रोग नष्ट  होता है।

१५) गोंद को देसी घी में तलकर फ़िर शकर की चाशनी में डालकर खाने से श्वेत प्रदर रोग ठीक हो जाता है।

१६) शिलाजीत में असंख्य सूक्ष्म पोषक तत्व होते है। नियमित एक माह तक  दूध के साथ सेवन करने से  लाभ मिलता है।

१७) सिंघाडे के आटे  का हलुवा श्वेत प्रदर में लाभकारी होता है।

 १८) स्त्रियों के सभी  गुप्त रोगों में आशातीत  गुणकारी   इलेक्ट्रो हर्बल औषधि "दामोदर नारी कल्याण "  के लिये वैध्य  दामोदर  से  पर संपर्क किया जा सकता है।
   
  
) श्वेत प्रदर रोग निवारण में होम्योपैथिक दवाएं अति उपयोगी  हैं। । रोग के लक्षण के मुताबिक औषधि का निर्वाचन किया जाता है। ।  ७-८  दवाएं एक साथ मिलाकर प्रयोग करने से भी बेहतर परिणाम की आशा की जा सकती है।

 निम्न औषधियां ल्युकोरिया में उपयोगी साबित हुई हैं-
पल्सेटिला, कल्केरिया, हिपर सल्फ, कैलीक्यूर, बोविस्टा, बोरेक्स, ‍सिपिया, सेबाईना, क्रियोजोट, कार्बो एनिमेलिस, नेट्रम क्यूर, एल्यूमिना, हाईड्रैस्टिस, सल्फर, वाईवर्नम आपुलस इत्यादि। एक माह या कुछ अधिक समय तक ईलाज लेना हितकारी होता है।

श्वेत प्रदर से बचाव के उपाय (White Discharge)


महिलाओं में श्वेत प्रदर रोग आम बात है। ये गुप्तांगों से पानी जैसा बहने वाला स्त्राव होता है। यह खुद कोई रोग नहीं होता परंतु अन्य कई रोगों के कारण होता है। इसके लिये सबसे पहले जरूरी है साफ-सफाई, कब्ज दूर करना, चाय, मैदे की चीजें न खायें, तली चीजें न खायें। ताजी सब्जियां फल अवश्य खायें काम, क्रोध, उद्वेग से बचें। 

उपाय 

* आंवला पिसा एक चम्मच 2-3 चम्मच शहद रोज दिन में एक बार खायें। 30दिनों तक खटाई से परहेज करें। 
* आंवले का रस व शहद लगातार एक माह तक लें। श्वेत प्रदर ठीक होगा। आंवला में विटामिन सी होने से आपकी त्वचा ग्लो भी करेगी। 
* केला खाकर ऊपर से दूध में शहद डालकर पियें। केला दूध अच्छी डाइट है इससे आपकी सेहत भी ठीक होगी। कमजोरी दूर होगी। ये कम से कम तीन माह लगातार लें, गर्म दूध में शहद न डालें।
* कच्चे केले की सब्जी खायें।
* दो केले में शहद डाल कर खायें।
* फालसा मौसम में जितना खा सकें खायें तथा इसका शर्बत बनाकर पियें। 
* टमाटर खायें और हो सके तो कच्चा टमाटर ही खायें।
* सिंघाडे का आटा, रोटी खायें, हलुआ खायें।
* अनार के ताजे पत्ते मिल जायें तो 25-30 पत्ते लें और काली मिर्च के साथ पिसलें, उसमें आधा ग्लास पानी डालें छान कर रोज सुबह-शाम पियें। 
* 100 ग्राम धुली मूंग तवे पर हल्का भून लें दो मुट्ठी चावल एक कप पानी में भिगा दें, दाल को पीसकर रख ले शीशी में अब इस चूरण को चावल भीगे पानी के साथ एक कप में घोलकर पी जायें।
* भूना चना पीसकर उसमें खाण्ड मिलाकर खायें और एक कप दूध में देशी घी डालकर पियें।
* भूना जीरा चीनी के साथ खायें फायदा होगा।
* गुप्तांगो को फिकरी के पानी से धोयें। सुबह-शाम। 
* 10ग्राम सोंठ एक पाव पानी में डालकर काढा बनायें छानकर पीलें। करीब 15-20 दिन तक लगातार पियें। 
* एक ग्राम कच्ची फिटकरी पिसी हुई, एक केले को बीच में से काटकर भर दें इसे दिन में या रात में एक बार खायें। सात दिन में प्रदर रोग ठीक हो सकता है।
* तुलसी के पत्तों का रस, उतना ही शहद लें। इसे सुबह-शाम चाटें।
*3 ग्राम शतावरी या सफेद मूसली, 3ग्राम मिश्री इनका चूरण सुबह-शाम गरम दूध से लें। श्वेत प्रदर तो ठीक होगा ही साथ कमजोरी तो ठीक होगी ही साथ स्वास्थ्य ठीक होगा।
*माजू फल, बड़ी इलायची, मिश्री, समान मात्रा में लेंकर पीस लें एक दिन में तीन बार 21दिन तक लें।
*सुबह-शाम दो चममच प्याज का रस बराबर मात्रा में शहद मिलाकर पियें।
*हल्दी चूरण चीनी के साथ लें श्वेत प्रदर ठीक होगा।
* नागर मोथा, लाल चंदन आक के फूल, चिरायता, दारूहल्दी, रसौता सबको 25-25 ग्राम लें तीन पाव पानी में उबालें आधा पानी रह जाय तो छानकर रख दें उसमे 100ग्राम शहद मिलाकर दिन में दो बार 50-50ग्राम लें हर प्रकार का प्रदर ठीक होजाताहै। 
* तुलसी का रस 10 ग्राम चावल के माड में मिलाकर पीने से एक सप्ताह में यह रोग ठीक हो जाएगा। इस दवा के खाने तक दूध भात खायें या भात खाना होगा।

इलाज के लिये जो भी चीजें इस्तमाल की गयी हैं वो सब आपकी कमजोरी को दूर करने के साथ-साथ आपके शरीर को हष्ट-पुष्ट भी बनाएगी।

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