loading...
loading...

पुराना जुकाम, पीनस (OZAENA, CHRONIC RHINITIS)

परिचय :
पुराने जुकाम (पीनस) के रोग में भी जुकाम जैसे ही नाक से पानी बहने लगता है। कुछ समय के बाद नाक के अन्दर का हिस्सा फूल जाता है। कपाल (सिर) में भी दर्द रहता है। नाक से निकलने वाले पानी में मवाद पैदा हो जाती है। नाक में से बहुत बदबू आती है। कुछ दिनों के बाद नाक की हड्डी गलकर निकलने लगती है।
विभिन्न भाषाओं में नाम :
हिन्दी पीनस
अंग्रेजी ओजेन
पंजाबी पुरान
अरबी याप्य
बंगाली सर्दी
कन्नड़ हले, ने
मलयालम पीनस
मराठी पडषण
उड़िया पीनस
तमिल पीनस
लक्षण :
पीनस (पुराना जुकाम) के रोग में शुरुआत में सिर भारी हो जाता है,
भूख कम हो जाती है, नाक से पानी आता है, गले में से आवाज निकलना कम हो जाती है। पीनस रोग के पकने के बाद नाक से बहने वाला पानी गाढ़ा हो जाता है और नाक के अन्दर जम जाता है जिसकी वजह से नाक में से बदबू आने लगती है।
विभिन्न औषधियों से उपचार :
1. हल्दी: हल्दी और कालीमिर्च के चूर्ण को गर्म दूध में मिलाकर पीने से बुखार के साथ जुकाम और पीनस (पुराना जुकाम) दूर हो जाता है।
2. माखा: माखा की पत्तियों के ताजे रस की 2-3 बूंद नाक और कान में डालने से पीनस (पुराना जुकाम) दूर हो जाता है।
3. कालीमिर्च: कालीमिर्च 2 ग्राम को गुड़ और दही के साथ सेवन करने से पीनस रोग में लाभ होता है।
4. मेथी: मेथी के और अलसी के तीन ग्राम दानों को 175 ग्राम पानी में पकाकर शेष रहने पर उतार-छानकर 3-4 बूंदों को पीने से सभी प्रकार का बिगड़ा जुकाम, जुकाम से उत्पन्न ज्वर रोगों से आराम मिलता है। l
5. भांगरा: भांगरा का रस 250 मिलीलीटर, तिल का तेल 250 मिलीलीटर, सेंधानमक 10 ग्राम, तीनों को मिलाकर धीमी आग पर पकाकर तेल गर्म लें। इस तेल की लगभग 10 बूंद तक नाक के दोनों नथुने में टपकाने से, अन्दर दूषित कफ तथा कीड़े बाहर निकल जाते हैं, पथ्य में गेहूं की रोटी व मूंग की दाल लेते हैं।
6. एरण्ड: एरण्ड के तेल को तपाकर रख लें और जिस ओर नाक में पीनस हो गया हो, उस और के नथुने से, तेल को दिन में कई बार सूंघने से पीनस नष्ट हो जाती है।
7. तुलसी: तुलसी के पत्तों के चूर्ण को नाक से सूंघने से पीनस (पुराना जुकाम) ठीक हो जाता है।
8. जीरा: जीरे का चूर्ण, घी और शक्कर को एक साथ मिलाकर खाने से पीनस (जुकाम) दूर हो जाता है।
9. हरड़: हरड़ का काढ़ा बनाकर नाक में डालने से पीनस (जुकाम) के रोग में आराम आ जाता है।
10. सोंठ: 4-4 ग्राम सोंठ, छोटी पीपल, छोटी इलायची के बीज को लेकर गुड़ के साथ पीसकर इनकी 1-1 ग्राम की छोटी-छोटी गोलियां बना लें। रात को इन गोलियों को गुनगुने पानी के साथ लेने से पीनस रोग, जुकाम और खांसी जैसे रोग ठीक हो जाते हैं।
11. आंवला: सूखे आंवलों को घी में मिलाकर तल लें। फिर इसे पानी के साथ पीसकर माथे पर लगाने से नाक में से खून आना रुक जाता है।
12. कटेरी: कटेरी के रस को नाक में बूंद-बूंद करके डालने से नाक में से बदबू आना दूर हो जाता है।
13. कपूर:
लगभग 10 ग्राम कपूर को 10 ग्राम तारपीन के तेल के साथ मिलाकर पीस ले और एक शीशी में भर कर रख दें। जब कपूर अच्छी तरह से गल जाये तो इसे मिलाकर रोगी के नथुनों (नाक के छेदों) में 5-5 बूंद करके डाल दें। इसको नाक में डालने से पीनस रोग ठीक हो जाता है और नाक के कीड़े भी समाप्त हो जाते हैं।
अगर जुकाम पुराना हो जाने की वजह से नाक मे कीड़े पड़ जाये तो नाक में से बदबू आने लगती है। ऐसा होने पर 3 ग्राम कपूर और 6 ग्राम सेलखड़ी को मिलाकर पीस लें। इस रस को रोजाना 3-4 बार नाक में डालने से आराम आता है।

No comments

Thanks

Theme images by konradlew. Powered by Blogger.