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INDIAN AYUREVED : तीव्र श्वसनी शोथ | Pneumonia | Teevra shwasni soth | Fefdo ki sujan

तीव्र श्वसनी शोथ | Pneumonia | Teevra shwasni soth | Fefdo ki sujan

परिचय :

         श्वास नली में पूयजनित जीवाणुओं द्वारा हुए तीव्र सूजन को तीव्र श्वसनी शोथ कहते हैं। तीव्र श्वसनी शोथ प्राय: स्वरयंत्र शोथ या श्वसनी शोथ से जुड़ी होती है। यह रोग सामान्यत: जुकाम, इन्फ्लुएंजा, कुकुर खांसी या पुरानी श्वसनी शोथ के साथ जुड़ा होता है।

कारण :

        बरसात में भीगने, सर्दी लगने, धूल कण व कुहासे भरे वातावरण आदि में रहने के कारण तीव्र श्वसनी शोथ होता है। यह रोग अधिकतर सर्दियों के मौसम में होता है।

लक्षण :

         तीव्र श्वसनी शोथ के साथ पहले खांसी होती है और फिर सफेद गाढ़ा बलगम निकलता है। पहले खांसी के साथ थोड़ा बलगम आता है। कुछ दिनों बाद बलगम का रंग पीला हो जाता है। बलगम में कभी-कभी खून के छींटे भी दिखाई देते हैं। स्टरनम के पीछे खरोंचता हुआ दर्द होता है जो खांसने से और भी बढ़ जाता है। इस रोग में हल्का बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द और भूख का नहीं लगना आदि रोग उत्पन्न होते हैं।

       तीव्र श्वसनी शोथ बार-बार होने पर पुराना श्वसनी शोथ होने की सम्भावना रहती है। ब्रोंकोन्यूमोनिया और न्यूमोनिया इसके अन्य गम्भीर लक्षण होते हैं जो बूढ़ों व बच्चों में अधिक होते हैं।

विभिन्न औषधियों से उपचार :

1. भाप : पानी को उबालकर भाप लेने से बलगम पतला होकर बाहर निकल जाता है। इससे तीव्र श्वसनी शोथ ठीक होता है।

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