Indian Ayurved :- स्वास्थ्य एसिडिटी क्या है* – क्या करे एसिडिटी होने पर ?
*स्वास्थ्य एसिडिटी क्या है* – क्या करे एसिडिटी होने पर ?
आजकल की व्यस्त और अनुपयुक्त जीवन-शैली के कारण पेट की समस्या लोगों में आम बात हो गई है। पेट की कई समस्याओं में एसिडिटी एक आम समस्या है जिससे हर दूसरा व्यक्ति पीड़ित है। आइए जानते हैं एसिडिटी क्या है और क्या करे एसिडिटी होने पर।
आम तौर पर यह समस्या भोजन की अधिकता और व्यायाम की कमी के कारण पैदा होती है। अनियमित जीवन यापन के कारण इस रोग से बच्चे, व्यस्क और बुजुर्ग सभी पीड़ित है। हम जो भी भोजन खाते है उसका सही तरीके से पचना अति आवश्यक है। क्योकि पाचन की प्रक्रिया के दौरान हमारा पेट एक एसिड को बनाता है जो भोजन को पाचाने में सहायक है। कई बार यह एसिड पेट में आवश्यकता से अधिक मात्रा में बन जाता है
जिसके परिणाम स्वरूप सीने व पेट में जलन, पेट का फूलना, खट्टी डकारें, खाने में अरुचि, उल्टी जैसी समस्या हो जाती है। वैसे तो गैस, पित्त व कफ हमारे शरीर में हमेशा रहते है। अगर इनमे असंतुलन आ जाये या किसी की मात्रा अधिक हो जाये तो हम उसे साधारण भाषा में एसिडिटी के नाम से जानते है।
कई बार यह समस्या शरीर में गंभीर रूप ले लेती है जिस कारण व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है कि खाया हुआ भोजन फिर से मुँह में आ रहा है और कई बार तो एसिडिटी के कारण एसिड भोजन नली से सांस नली में अटक जाता है। जिससे व्यक्ति को दमा या खाँसी की समस्या भी हो जाती है। अधिक एसिडिटी के कारण शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो जाती है। एसिडिटी को चिकित्सकीय भाषा में गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफलक्स डिजीज (GERD) के नाम से जाना जाता है और आयुर्वेद में इसे अम्ल पित्त के नाम से जाना जाता है।
एसिडिटी होने के कारण:-
एसिडिटी के मुख्य कारण होते हैं, खान पान में असंतुलन, भोजन को ठीक से ना चबाना, पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना, मानसिक तनाव और व्यायाम ना करना आदि। मसालेदार भोजन, मांसाहार और जंक फ़ूड का अधिक सेवन करना भी एसिडिटी के प्रमुख कारण है। इसके अतिरिक्त जल्दबाज़ी और तनावग्रस्त होकर भोजन करना, अधिक धूम्रपान, चाय, कॉफ़ी और शराब के कारण भी एसिडिटी की समस्या हो जाती है। भारी खाने के सेवन करने से भी एसिडिटी की परेशानी बढ़ जाती है। सुबह-सुबह नाश्ता न करना और लंबे समय तक भूखे रहने से भी एसिडिटी की समस्या हो जाती है। कुछ अंग्रेजी दर्द निवारक गोलियां भी एसिडिटी को जन्म देती है।
अम्लता होने पर पेट में जलन होती है। कई बार तो यह जलन इतनी ज्यादा होती है की मानो जैसे पेट में आग ही लग गयी हो। लेकिन आप घबरायें नहीं, इसका उपचार संभव है। वैसे तो इस रोग का उपचार एैलोपैथी, होम्योपपैथी और आयुर्वेद सभी से संभव है। लेकिन आप घरेलू उपाय करते है तो बेहतर है। घरेलु उपायों के प्रयोग से किसी तरह का साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होता है।
तो आइये जाने कि एसिडिटी की समस्या में आप कौन-कौन से घरेलू या प्राकृतिक उपचार कर सकते है।
1. नींबू व शहद में अदरक का रस मिलाकर सेवन करने से पेट की जलन शांत होती है।
2. शाह जीरा अम्लता निवारक है। डेढ लिटर पानी में 2 चम्मच शाह जीरा डालकर 10-15 मिनिट उबालकर काढ़ा बनाये। हल्का गरम करके दिन में 3 बार पिये। सात दिन के प्रयोग से ही एसिडीटी पर नियंत्रण हो जाता है।
3. सुबह खाली पेट 2-3 गिलास गुनगुना पानी पीने से एसिडिटी नियंत्रण में बड़ी मदद मिलती है।
4. रोज दो-तीन पत्ते तुलसी के खाने से अम्लता रोग से निजात मिलता है।
5. एक गिलास पानी में दो चम्मच सौंफ़ डालकर उबालें और रात भर रहने दे। सुबह छानकर एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से एसिडीटी नियंत्रण में रहती है। यह एक उत्तम उपचार है।
6. केला, तरबूज, अमरूद, ककडी और पपीता एसिडिटी की समस्या में लाभकारी है। आंवला अनेक रोगों को नष्ट करता है। अम्लता की समस्या होने पर आँवले का सेवन गुणकारी है।
7. पाँच ग्राम लौंग और तीन ग्राम ईलायची का पावडर मिलाकर रख ले। भोजन के पश्चात एक चुटकी पावडर मुंह में रखकर चूसे। मुंह की बदबू दूर होगी और अम्लता से भी राहत मिलेगी।
8. एक गिलास पानी में एक नींबू का रस मिलायें और भोजन के बीच-बीच में इस नींबू पानी को पीते रहे इससे एसिडिटी की समस्या हल होती है।
9. आधे गिलास छाछ में 15 ml हरे धनिये का रस मिलाकर पीने से बदहजमी, अम्लता, सीने मे जलन आदि का निवारण होता है।
10. सुबह-शाम दो से तीन कि०मी० टहलने से तंदुरुस्ती बनी रहती है और अम्लता की समस्या भी नही रहती।
11. नारियल पानी, धनिये पुदीने की चटनी, बादाम की शिकंजी, हरी सब्जियाँ, पाइनेपल का जूस, ग्रीन टी आदि के नियमित सेवन से एसिडिटी नही होती।
12. पका हुआ बिल्व फ़ल एसिडिटी के लिये श्रेष्ठ औषधि है। इसे पानी में उबाले ठंडा होने के पश्चात मसलकर रस निकाल लें और नियमित एक हफ्तें तक सेवन करे। एसिडिटी से राहत मिलेगी।
13. दूध में 3-4 चमचम्मच केस्टर आईल (अरंडी तेल) मिलाकर रात को सोते समय पीना चाहिये। अगर पेट साफ नही रहता है तो यह उपाय लाभकारी है। पेट साफ होगा तो एसिडिटी भी नही होगी।
14. एक गिलास पालक का रस रोजाना पीना सर्वोतम है। पुरानी से पुरानी एसिडिटी भी इस सरल इलाज से मिट जाती है।
15. भोजन के पश्चात थोड़ा सा गुड़ मुहं में रखकर चूसें। यह एक हितकारी उपाय है। पुदीने का रस या पुदीने के तेल का सेवन भी एसिडिटी में कारगर उपाय है। बाजार में पुदीने के कैप्सूल भी आसानी से उपलब्ध हो जाते है।
2. शाह जीरा अम्लता निवारक है। डेढ लिटर पानी में 2 चम्मच शाह जीरा डालकर 10-15 मिनिट उबालकर काढ़ा बनाये। हल्का गरम करके दिन में 3 बार पिये। सात दिन के प्रयोग से ही एसिडीटी पर नियंत्रण हो जाता है।
3. सुबह खाली पेट 2-3 गिलास गुनगुना पानी पीने से एसिडिटी नियंत्रण में बड़ी मदद मिलती है।
4. रोज दो-तीन पत्ते तुलसी के खाने से अम्लता रोग से निजात मिलता है।
5. एक गिलास पानी में दो चम्मच सौंफ़ डालकर उबालें और रात भर रहने दे। सुबह छानकर एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से एसिडीटी नियंत्रण में रहती है। यह एक उत्तम उपचार है।
6. केला, तरबूज, अमरूद, ककडी और पपीता एसिडिटी की समस्या में लाभकारी है। आंवला अनेक रोगों को नष्ट करता है। अम्लता की समस्या होने पर आँवले का सेवन गुणकारी है।
7. पाँच ग्राम लौंग और तीन ग्राम ईलायची का पावडर मिलाकर रख ले। भोजन के पश्चात एक चुटकी पावडर मुंह में रखकर चूसे। मुंह की बदबू दूर होगी और अम्लता से भी राहत मिलेगी।
8. एक गिलास पानी में एक नींबू का रस मिलायें और भोजन के बीच-बीच में इस नींबू पानी को पीते रहे इससे एसिडिटी की समस्या हल होती है।
9. आधे गिलास छाछ में 15 ml हरे धनिये का रस मिलाकर पीने से बदहजमी, अम्लता, सीने मे जलन आदि का निवारण होता है।
10. सुबह-शाम दो से तीन कि०मी० टहलने से तंदुरुस्ती बनी रहती है और अम्लता की समस्या भी नही रहती।
11. नारियल पानी, धनिये पुदीने की चटनी, बादाम की शिकंजी, हरी सब्जियाँ, पाइनेपल का जूस, ग्रीन टी आदि के नियमित सेवन से एसिडिटी नही होती।
12. पका हुआ बिल्व फ़ल एसिडिटी के लिये श्रेष्ठ औषधि है। इसे पानी में उबाले ठंडा होने के पश्चात मसलकर रस निकाल लें और नियमित एक हफ्तें तक सेवन करे। एसिडिटी से राहत मिलेगी।
13. दूध में 3-4 चमचम्मच केस्टर आईल (अरंडी तेल) मिलाकर रात को सोते समय पीना चाहिये। अगर पेट साफ नही रहता है तो यह उपाय लाभकारी है। पेट साफ होगा तो एसिडिटी भी नही होगी।
14. एक गिलास पालक का रस रोजाना पीना सर्वोतम है। पुरानी से पुरानी एसिडिटी भी इस सरल इलाज से मिट जाती है।
15. भोजन के पश्चात थोड़ा सा गुड़ मुहं में रखकर चूसें। यह एक हितकारी उपाय है। पुदीने का रस या पुदीने के तेल का सेवन भी एसिडिटी में कारगर उपाय है। बाजार में पुदीने के कैप्सूल भी आसानी से उपलब्ध हो जाते है।
शरीर में पानी या तरल पदार्थों की कमी से एसिडिटी या कब्ज की समस्या उत्पन होती है। इसलिए भरपूर मात्रा में पानी पीने की आदत डालें। पूरे दिन में कम से कम 3-4 लीटर पानी ज़रूर पिये। जिस समय एसिडिटी की समस्या बहुत अधिक हो उस वक्त खट्टे पदार्थों का सेवन ना के बराबर करना चाहिए। नींबू के बारे में यह भ्रांति है कि एसिडिटी में इसका सेवन नहीं करना चाहिए। जबकि हकीकत इसके विपरीत है। नींबू स्वाद में तो अम्लीय है, किंतु इसकी प्रकृति क्षारीय है। इसलिए नींबू का सेवन एसिडिटी में लाभदायक है। प्रायः यह देखा जाता है कि शरीर में अम्लता कि शिकायत होने पर सोडा का प्रयोग आम है। इसका प्रयोग तात्कालिक असर तो देता है किंतु बाद में अधिक अम्ल पैदा होने लग जाता है, अतः अम्लता कि शिकायत में सोडे का प्रयोग गलत ही नहीं, शरीर को क्षति पहुंचाने वाला भी है।
अधिक समय तक भूखे ना रहे। थोड़े-थोड़े अंतराल में हल्का और पौष्टिक आहार ले। ज़्यादा तेज मिर्च-मसाले के भोजन से परहेज करे। जब भी एसिडिटी कि समस्या आपको परेशान करे उपरोक्त उपायों का प्रयोग करे, इससे अवश्य आपको लाभ मिलेगा।
हमारा शरीर ऊपर से जितना हमें साधारण और सरल दिखता है उतना अंदर से है नही। इसलिए हमें बाहरी तौर-तरीक़ो से अपने आंतरिक शरीर को स्वस्थ रखने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। जिससे हम लंबे अंतराल तक स्वस्थ जीवन जी सके। जितना प्यार हम अपनी भौतिक वस्तुओं से करते है, उतना ही प्यार और देख-भाल अपने शरीर का भी करना है। बस ज़रूरत है एक अनुकूल जीवन-शैली की।
हमारा उद्देश्य आपका सामान्य ज्ञान बढ़ाना है। एसिडिटी या कब्ज की समस्या जटिल हो जाये उससे पहले आप अपने चिकित्सक से औषधि या घरेलू उपचार के लिए जानकारी अवश्य ले।
एसिडिटी क्या है और क्या करे एसिडिटी होने पर इससे संबंधित आपके पास कोई जानकारी है तो आप भी कॉमेंट्स के माध्यम से शेयर कर सकते हैं।
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