श्लेष्माभ ऊतक अवकाशी ऊतकों के ही रूपान्तरित भ्रूणीय ऊतक होते हैं। इनमें तन्तुमय ऊतक न के बराबर ही रहते हैं और कोशिकाएं लगभग समांगी (homogeneous) जैली के जैसे आधार-पदार्थ (मैट्रिक्स) में इधर-उधर बिखरी होती है तथा साथ ही कुछ तन्तु भी रहते हैं। इस तरह के ऊतक नाभिरज्जु (umbilical cord) में ह्लारटन्स जैली (Wharton’s jelly) के रूप में तथा युवकों में नेत्र-काचाभ द्रव (vitreous humour) में पाये जाते हैं।