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मालिश का मांसपेशियों पर प्रभाव

 

परिचय-

        जब कोई व्यक्ति अपने पूरे शरीर की अच्छी तरह से मालिश करवाता है तो उसके शरीर में काम करने की शक्ति बढ़ जाती है तथा उसकी सारी थकान दूर हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मांसपेशियों में थकान लाने वाले दूषित पदार्थ एकत्रित नहीं हो पाते हैं, मांसपेशियों में लचक आती है और उनकी बढ़ोत्तरी और विकास होता है।

        मनुष्य के शरीर में जितनी भी मांसयुक्त भाग हैं, वे सभी असंख्या मांसपेशियों से मिलकर बना हैं। जब मांसपेशियां फूलती हैं, तो उनमें गति का अनुभव होता है और जब मांसपेशियां कोमल पड़ जाती हैं, तो उनमें एक प्रकार की सख्ती और शिथिलता आ जाती है। मांसपेशियों को हरकत मिलती ही रहनी चाहिए, जिससे उन्हें जीवन-शक्ति प्राप्त होती रहे। मालिश करने से मांसपेशियां स्वतन्त्र रूप से कार्य करने लगती हैं और शक्तिशाली बनती हैं। हमारे शरीर में पेशियों और रक्त प्रवाह का सम्बंध काफी घनिष्ठ होता है, यानी कहने का अभिप्राय यह है कि रक्त प्रवाह का रक्तवाहिनी नलिकाओं में बिना किसी अवरोध के प्रवाहित होते रहना, शारीरिक मांसपेशियों के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।

        मांसपेशियों की गतिशीलता तथा नाड़ियों में आसानी से रक्त का बहना, ये दोनों महत्त्वपूर्ण कार्य ही हमारे स्वास्थ्य और सुखमय जीवन की आधारशिलाएं हैं। पहली दशा में शरीर का अंग-प्रत्यंग लचीला होकर शक्तिशाली बनता है तथा दूसरी दशा में शरीर के अन्दर स्वाभाविक रूप से रक्त प्रवाह होते रहने से शरीर की पाचन-क्रिया को मदद मिलती है तथा जो खाया-पीया जाता है, वह शरीर में अच्छी तरह पचता है। इस प्रकार शरीर के सभी कार्य अपने स्वाभाविक रूप से तथा ठीक-ठीक होने लगते हैं।


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