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मालिश के लाभ

 

परिचय-

           मालिश का इस्तेमाल पुराने समय से ही बहुत से रोगों से छुटकारा पाने और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता है। मालिश का प्रभाव हमारे पूरे शरीर पर पड़ता है। इससे मांसपेशियां लचीली बनती हैं, रक्त का दौरा सुचारू रूप से चलता रहता है तथा नस-नाड़ियां भी स्वस्थ और निरोग बनती हैं। मनुष्य जो भी कार्य करता है, स्वस्थ शरीर के बल पर ही करता है। यदि उसका स्वास्थ्य अच्छा नहीं होगा, तो वह किसी भी कार्य के योग्य नहीं होगा और अपने जीवन में असफल होगा। इसलिए स्वास्थ्य का हमारे जीवन से बड़ा सम्बंध है तथा शरीर का स्वस्थ रहना अति आवश्यक है। मालिश द्वारा हम अपना शरीर पूर्ण रूप से स्वस्थ और निरोग रख सकते हैं। इससे हमारी उम्र लम्बी होती है और शरीर में शक्ति का संचार होता है।

        मालिश द्वारा हम अपने शरीर को सीधा कर सकते हैं, यह कमजोर रूप से पीड़ित व्यक्तियों के लिए काफी फायदेमन्द होती है। यदि कोई व्यक्ति पूरे दिन कुछ न खाए तथा उपवास रखे, परन्तु रोजाना किसी अच्छे मालिश करवाने वाले से अपने शरीर की मालिश कराए तो वह व्यक्ति कई हफ्तों तक व्रत यानी उपवास रख सकता है। मालिश द्वारा उसके शरीर को खुराक मिलती रहती है और उसकी कमजोरी दूर हो जाती है।

  • मालिश से नाड़ी-संस्थान (नर्वस सिस्टम) को उत्तेजना मिलती है, जिससे शरीर की अन्य क्रियाएं ठीक तरह से होती हैं।
  • मालिश से शरीर में रक्त-संचालन समान रूप से होता है, जिससे शरीर में रोग नहीं होते तथा श्वास, मल-मूत्र और पसीने द्वारा शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
  • शरीर के अन्दर से बीमारी निकालने वाले अंगों जैसे-फेफड़ें, बड़ी आंत, गुर्दे, त्वचा आदि को मालिश से अत्यधिक बल मिलता है, जिससे वे शरीर के विकार तेजी से बाहर निकालकर बाहर फेंक देते हैं।
  • मालिश से पाचनतंत्रों, यकृत (जिगर), छोटी आंत और अन्य ग्रंथियों को उत्तेजना मिलती है, जिसकी मदद से वे अपना कार्य ठीक ढंग से कर सकते हैं।
  • मालिश के द्वारा मोटे लोगों के शरीर की चर्बी कम हो जाती है।
  • गठिया (जोड़ों का दर्द), अधरंग (शरीर के आधे अंग में लकवा आना), बच्चों का लकवा, मांसपेशियां और स्नायु रोग, तपेदिक (टी.बी.), पागलपन, सिरदर्द और मोच आना आदि रोगों को मालिश के द्वारा दूर किया जा सकता है।
  • मालिश से त्वचा के रोमकूप खुल जाते हैं।
  • मालिश से मांसपेशियों में शिथिलता (ढीलापन) आती है तथा पूरे शरीर में फुर्ती और चंचलता आती है।
  • मालिश द्वारा शरीर के सारे अंग सबल, मजबूत और तेलयुक्त बनते हैं तथा शरीर का तेजी से विकास होता है।
  • मालिश द्वारा शरीर को अच्छी खुराक प्राप्त होती है जिससे शरीर का पोषण सही तरह से होता है।
  • जो लोग व्यायाम नहीं करते या जिन्हें व्यायाम करने का समय नहीं मिल पाता या जिन रोगियों को व्यायाम नहीं कराया जा सकता, वे मालिश द्वारा ही व्यायाम का पूरा लाभ उठा सकते हैं। कहने का अभिप्राय यह कि व्यायाम रक्तसंचार (खून का बहाव) तेज करके शरीर की बीमारी को समाप्त कर सकता है।

जानकारी-

          मालिश का आधार है स्पर्श (छुअन)। प्राकृतिक रूप से हाथों के स्पर्श के माध्यम से व्यक्ति एक-दूसरे के प्रति अपनी सहानुभूति और प्रेम दर्शाते हैं तथा जीवन के तनावों को दूर करते हैं।


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