परिचय-
दाद एक प्रकार का त्वचा का रोग है जो त्वचा पर छल्ले जैसे चकत्ते के रूप में प्रकट होता है। यह त्वचा पर धब्बे के रूप में भी पाया जाता है। दाद हथेलियों, एड़ियों, खोपड़ी, दाढ़ी तथा शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है। शरीर में जिस स्थान पर दाद होता है वहां खुजली मचती है तथा उस भाग को खुजलाने पर यह और फैलने लगता है।
कारण-
दाद त्वचा पर एक विशेष प्रकार के कवक की उत्पत्ति के कारण पैदा होता है। यह अक्सर शरीर की सही तरह से सफाई न करने के कारण तथा शरीर का कोई अंग अधिक पानी में भीगने के कारण होता है। दाद का रोग एक प्रकार का उग्र संक्रमक रोग है इसलिए जिन व्यक्तियों को यह रोग हो गया हो उन व्यक्तियों के तौलिये, ब्रुश तथा अन्य चीजों को अपने प्रयोग में नहीं लेना चाहिए।
उपचार-
शरीर में जहां पर दाद हो, उस स्थान पर उत्तरी ध्रुव वाले सेरामिक चुम्बक को लगाना चाहिए या फिर शक्तिशाली चुम्बक को रोगी की हथेलियों अथवा पैरों के तलुवों पर लगाना चाहिये। दिन में उत्तरी ध्रुव द्वारा बनाया गया तेल उस दाद से प्रभावित भाग पर लगाना चाहिए। इस तेल का प्रयोग एक बार नहाने के बाद तथा एक बार रात को सोते समय करना चाहिए।