परिचय-
जब रोगी के शरीर पर प्रेशर दिया जाता है तो प्रेशर देने के बाद कुछ क्रियाएं होती हैं जो प्रबल होती हैं और रोगों से लड़ती हैं।
प्रेशर देने से सबसे पहले त्वचा में स्फूर्ति पैदा होती है जो खून के दौरे को तेज करती है और खून शरीर के उन अंगों तक पोषक तत्व पहुंचाने का काम करना शुरू कर देता जो अंग रोगग्रस्त होते हैं। प्रेशर द्वारा शरीर की मांसपेशी तंतुओं में भी लचक पैदा हो जाती है जिससे खून का संचार आसानी से होता है और यह अस्थिपंजर तक की बीमारी को दूर करता है। अगर रोग का कारण स्नायु संस्थान के दबने या खून के जमने से है तो प्रेशर देने के बाद बने खून के संचार से वह ठीक हो जाता है। एक्युप्रेशर से आन्तरिक अंगों की साधारण कार्य में तेजी लायी जा सकती है।
वास्तव में हमारे शरीर में एक ऐसी शक्ति होती है जो रोगों से लड़ती है। सिर्फ उस शक्ति को जगाने की जरूरत होती है। यह शक्ति ही अन्दर से रोगों को दूर करने का काम करती है।