एस.-30 यह प्रतिबिम्ब बिन्दु एस .-29 से थोड़ा नीचे की ओर होता है।
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लिंग में सूजन तथा दर्द, नपुंसकता, रजोविकार, रजोनिवृत्ति, पेट में सनसनी होना, हार्निया, चलने में दिक्कत महसूस करना, पैर की मांसपेशियों में खिंचाव तथा पेट में दर्द।
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एस.-31 यह प्रतिबिम्ब बिन्दु एस .-30 से थोड़ा नीचे की ओर होता है।
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सुजाक, पेट के निचले भाग में दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, लकवा, शरीर के निचला हिस्सों का सुन्न होना तथा घुटनों में दर्द।
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एस.-32 यह प्रतिबिम्ब बिन्दु एस .-31 से थोड़ा नीचे की ओर होता है।
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आधी रात में दमे का दौरा पड़ना, पैरों में सूजन, हल्की वैरीकोज, शिराएं, सिर में भारीपन, पेशाब से सम्बन्धित रोग और पैरों तथा जांघों में दर्द।
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एस.-33 यह प्रतिबिम्ब बिन्दु एस .-32 से थोड़ा नीचे की ओर होता है।
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अनियमित मासिकधर्म, हाथों का कंपकपाना, शरीर में ऊर्जा की कमी, अधिक प्यास लगना, हार्निया रोग, लकवे का प्रभाव तथा पेट में दर्द।
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एस.-34 यह प्रतिबिम्ब बिन्दु घुटने से थोड़ा ऊपर होता है।
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पेट, घुटनों तथा पैरों में दर्द, स्तनों में सूजन तथा दर्द।
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एस.-35 यह प्रतिबिम्ब बिन्दु एस .-34 से थोड़ा नीचे की ओर होता है।
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घुटने को मोड़ने में दिक्कत होना, पैरों में गठिया का प्रभाव होना, घुटनों में दर्द तथा नमी के कारण पैरों में सूजन हो जाना।
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एस.-36 यह प्रतिबिम्ब बिन्दु घुटने से थोड़ा नीचे की ओर होता है।
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शरीर के कई अंग कमजोर हो जाना, पेट में दर्द, पेट में सूजन, पाचन शक्ति कमजोर हो जाना, कब्ज, एपेंडिसाइटिस, आवाज कम सुनाई देना, आंखों के रोग, बोलने में दिक्कत होना, आंत्रशोथ, एनोंरेक्सिया।
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एस.-37 यह प्रतिबिम्ब बिन्दु एस .-36 से थोड़ा नीचे की ओर होता है।
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कोलाइटिस, एनोरेक्सिया, हडि्डयों में ठंडापन, पेट तथा प्लीहा में कमजोरी महसूस करना तथा खालीपन का एहसास होना, हाथ-पैरों को ऊपर उठाने में दिक्कत, अतिसार, पेट में दर्द, छाती की पसलियों तथा कई अंगों में सूजन हो जाना तथा घुटनों में आर्थराइटिस का प्रभाव।
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एस.-38 यह प्रतिबिम्ब बिन्दु एस .-37 से थोड़ा नीचे की ओर होता है।
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अतिसार, कोलाइटिस, गठिया, टॉन्सिलाइटिस, आंत्रशोथ, टांगे कमजोर पड़ जाना, शरीर के कई अंग कमजोर हो जाना।
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एस.-39 यह प्रतिबिम्ब बिन्दु एस .-38 से थोड़ा नीचे की ओर होता है।
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बालों का झड़ना, शरीर में दर्द होना, पागलपन, मस्तिष्क में रक्ताल्पता, स्तन के रोग, टांगों में दर्द, अतिसार के साथ पेट के नीचे के भाग में दर्द, होंठ सूखना, अधिक मात्रा में थूक निकलना, शरीर से पसीना न निकलना तथा टॉंसिलाइटिस।
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एस.-40 यह प्रतिबिम्ब बिन्दु एस .-39 से थोड़ा नीचे की ओर होता है।
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पागलों की तरह हंसते रहना, पागलपन, कब्ज, टांगों में लकवे का प्रभाव होना, दमा रोग के कारण नींद न आना, कफ के साथ खांसी होना, चेहरे पर सूजन, सिर में दर्द होना, बोलने में असमर्थता, गले का सुन्न होना।
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एस.-41 यह प्रतिबिम्ब बिन्दु एस .-40 से थोड़ा नीचे की ओर होता है।
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पैरों में गठिया रोग का प्रभाव, डर लगना तथा अधिक गुस्सा होना, सिर में दर्द, आंखें लाल पड़ना तथा दर्द होना, पागलपन का दौरा पड़ना, चक्कर आना, सिर तथा चेहरे की सूजन, दांत में दर्द, चक्कर आना मसूढ़ों से खून निकलना, मांसपेशियों का सुन्न हो जाना।
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एस.-42 यह प्रतिबिम्ब बिन्दु एस .-41 से थोड़ा नीचे की ओर होता है।
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पैरों में लकवा रोग का प्रभाव, दांत में दर्द, मसूढ़ों से अधिक खून निकलना, उल्टी आना, एनोरेक्सिया, इधर-उधर घूमने का मन करना, पागलपन के दौरे पड़ना, अधिक पसीने के साथ बुखार होना, अधिक ठंड महसूस करना तथा गर्मी में बैठने का मन करना।
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एस.-43 यह प्रतिबिम्ब बिन्दु एस .-42 से थोड़ा नीचे की ओर होता है।
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लगातार डकारें आना, पेट में सूजन आना, अधिक तेज खांसी होना, तेज बुखार होना, चेहरे की सूजन, आंखों में संक्रमण, खाना न पचना, बुखार के साथ प्यास लगना, छाती की पसलियों में दर्द होना।
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एस.-44 यह प्रतिबिम्ब बिन्दु एस .-43 से थोड़ा नीचे की ओर होता है।
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मसूढ़ों से खून आना, एपिसटेक्सिस, गला सुन्न होना, एनोरेक्सिया, अतिसार त्वचा पर दरारे पड़ना, रजोविकृति, मनुष्यों की आवाज से घृणा करना, नाभि के आस-पास दर्द महसूस होना तथा डर के कारण शरीर में दर्द का अनुभव करना।
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एस.-45 यह प्रतिबिम्ब बिन्दु पैर के अंगूठे के ऊपर होता है।
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गले में सुन्नपन होना, टांसिलाइटिस, पसीने के साथ बुखार होना, दांत में दर्द, आंखों में खिंचाव होना, पागलपन, साइनुसाइटिस, नाक में अधिक ठंड लगना, बेहोशी, मस्तिष्क रक्ताल्पता, चेहरे की सूजन तथा जीर्ण रिनाइटिस।
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