परिचय:-
किसी भी स्त्री को जब लगता है कि उसका गर्भपात हो गया है तो सबसे पहले उसको हल्का-हल्का सा दर्द होता है जैसे कि बच्चे के जन्म के समय होता है और इसके साथ ही उसकी योनि से खून आने लगता है।
कारण-
स्त्री का गर्भपात होने का कारण अक्सर शरीर में हार्मोन्स की गड़बड़ी, ज्यादा समय से पेट में कब्ज रहना, शरीर से ज्यादा मेहनत करना, दिमागी परेशानी, पति-पत्नी का खून के ग्रुप का आपस न मिलना, हाई ब्लडप्रेशर, गुर्दे की सूजन, मधुमेह या कोई दूसरा रोग हो सकता है।
गर्भपात की आशंका होने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-
- अगर स्त्री की योनि से जरा सा भी खून निकल रहा है या योनि में दर्द हो तो गर्भवती स्त्री को तुरन्त ही लेट जाना चाहिए और 2-3 घंटे तक आराम करना चाहिए। स्त्री को 4-5 घंटे के लिए सिरहाने की बजाय पैताने को ऊंचा करके लेटना चाहिए। गर्भवती स्त्री को ज्यादा भारी सामान नहीं उठाना चाहिए। सुबह के समय में अपने पेडू पर खाली पेट ठंडे पानी से गीली पट्टी रखनी चाहिए।
- स्त्री को संतुलित आहार (भोजन) तथा अधिक मात्रा में फल, सलाद, दूध अंकुरित दाल तथा रसाहार पदार्थ का सेवन करना चाहिए।
- इस रोग से पीड़ित स्त्री को सिंघाड़ा तथा मुनक्का का सेवन करना चाहिए।
- हल्के गर्म पानी का एनिमा लेना भी काफी लाभदायक होता है।
- प्रतिदिन नियमित रूप से कटिस्नान करना भी फायदेमंद होता है।
- यदि शरीर में हारमोन्स का अंसतुलन हो तो योगासनों से इसे ठीक किया जा सकता है। ये आसन इस प्रकार हैं- वज्रासन, सर्वांगासन, भुजंगासन, शलभासन, धनुरासन, पश्चिमोत्तानासन तथा त्रिकोनासन।