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चादर स्नान

 परिचय-

          चादर स्नान के लिए 2-3 कम्बल, एक मोटी सूती का चादर और ठंडे पानी की आवश्यकता होती है। यह अनेक प्रकार के रोगों को दूर करने में लाभकारी स्नान है। बुखार में चादर स्नान करने से जल्दी लाभ मिलता है।

  1. चादर स्नान
  2. निद्रापद स्नान

चादर स्नान की विधि-

          यदि किसी व्यक्ति को तेज बुखार है तो उसे जल्दी ठीक करने के लिए चादर स्नान अधिक लाभकारी होता है। रोगी को चादर स्नान करने के लिए पहले 2 से 3 कम्बल को बिस्तर की तरह चारपाई पर बिछा देते हैं। इसके बाद खेस या मोटे सूती चादर को ठंडे पानी में भिगोकर अच्छी तरह से निचोड़कर उस कम्बल के ऊपर बिछा देते हैं। इसके बाद रोगी के कपड़ा उतारकर रोगी को उस चादर पर चित्त लेटा देते हैं और चारों ओर फैले चादर को रोगी के शरीर के चारों ओर अच्छी तरह लपेटते हैं। ध्यान रखें कि चादर लपेटते समय रोगी का सिर चादर से बाहर तकिये पर हो। फिर रोगी के सिर पर गीला निचोड़ा हुआ तौलिया लपेट दें। चादर लपेटते समय चादर को पैरों के नीचे दबा दें, ताकि बाहर की हवा भीतर न जा सके। इस स्नान में जब रोगी को चादर पर लिटाया जाता है, तब हल्की ठंड महसूस होती है और 2 मिनट बाद ही उसे गर्मी लगने लगती है। जब रोगी को गर्मी लगने लगे तो उसे घबराना नहीं चाहिए तथा गर्मी को सहन करना चाहिए। इस तरह गर्मी सहन करने से पुराना या नया कोई भी बुखार हो वह 5 मिनट में ही समाप्त हो जाता है। इस क्रिया में यदि रोगी को पसीना न आए तो फिर भी नींद न आना दूर होता है। इस चादर स्नान से तेज बुखार में भी रोगी के शरीर का तापमान 1 या 2 डिग्री कम होता है तथा कुछ देर तक चादर स्नान करने से बुखार समाप्त हो जाता है।

चादर स्नान से रोग में लाभ-

          इस स्नान से त्वचा की घमौरियां, पित्त, आमवात (गठिया) और खुजली आदि रोग दूर होते हैं। इससे खून की गति कम होती है, पैर दर्द में पैरों पर बर्फ घिसने से दर्द आदि से आराम मिलता है। बर्फ का असर गर्मी के मौसम में अच्छा होता है। सर्दी के मौसम में कमजोर व्यक्ति पर बर्फ का उपचार करने से हानि हो सकती है।

          सूजन वाले स्थान पर गर्म पानी की पट्टी रखने से भी आराम होता है। कान का दर्द ठीक करने में पिचकारी लाभकारी होती है। बर्र और बिच्छू के डंक वाले भाग को गर्म पानी में रखने से आराम मिलता है। अचानक किसी को ठंड लग जाने पर रोगी को कम्बल में लपेटकर उसके बगल में गर्म पानी की बोतल रखने से ठंड में जल्द गर्माहट मिलती है।

निद्रापद स्नान-

          जिस व्यक्ति को नींद न आती हो उसे सोने से कुछ समय पहले दोनों पैरों को कुछ देर गर्म पानी में डुबोकर रखना चाहिए और सिर पर ठंडे पानी की धार डालनी चाहिए। इस क्रिया से सिर का खून पैरों में उतर जाता है और शरीर में ताजगी आ जाती है। इस क्रिया को करने के बाद बिस्तर पर जाते ही अच्छी नींद आ जाती है। इस स्नान से मन और मस्तिष्क शांत होता है।


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