परिचय-
शुद्ध विचारधारा रखने पर ही मनुष्य का जीवन सफल हो सकता है जिस मनुष्य की विचारधारा शुद्ध नहीं होती है उस मनुष्य के जीवन में बहुत सारी परेशानियां होती हैं तथा वह हमेशा कष्टमय जीवन व्यतीत करता है।
शुद्ध विचारधारा रखने का उपाय :-
- सभी व्यक्तियों को अपने परिवार में स्नेहपूर्वक ज्ञान का वार्तालाप करना चाहिए तभी वह सांसारिक वृत्तियों से बच सकता है।
- घर में सुख तथा शांति बनाये रखने के लिए अपने अन्दर की बुरी आदतों को दूर करना चाहिए।
- अपने परिवार में ज्ञान का प्रसार करना चाहिए तथा खुद भी अच्छा ज्ञान प्राप्त करना चाहिए क्योंकि मन ज्ञान बिना पगला सा रहता है तथा व्याकुल हो जाता है। जीवन ज्ञान के बिना अधूरा होता है।
- जिस प्रकार सांस लेने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार अच्छा स्वभाव तथा बर्ताव जीवन में बहुत आवश्यक है।
- मनुष्य का जीवन एक अनमोल हीरा होता है इसलिए मन व शरीर को स्वस्थ रखना चाहिए।
- यदि आपको किसी व्यक्ति का बर्ताव तथा स्वभाव अच्छा नहीं लगता है तो उस पर हंसना नहीं चाहिए बल्कि उसे माफ कर देना चाहिए तथा उसके साथ अच्छा बर्ताव करना चाहिए।
- यह याद रखना चाहिए कि मूर्ख व्यक्ति के पास ज्ञानी व्यक्ति कभी भी नहीं जाता है तथा क्रोधी व्यक्ति के पास बन्धु (मित्र) नहीं जाते हैं और घमण्डी व्यक्ति के अन्दर शांति कभी भी नहीं आती है।
- छोटे बच्चे, अबलाओं तथा वृद्धों पर दया करना चाहिए।
- सन्तों तथा ज्ञानी व्यक्तियों का सम्मान करना चाहिए।
- किसी भी कार्य को करने में हार नहीं माननी चाहिए यदि आपने हार मान ली तो आपकी निश्चित ही हार होगी।
- यदि अपने सोच लिया कि आप ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकते तो निश्चय ही आपको ज्ञान प्राप्त नहीं होगा।
- साधु तथा सन्तों की अच्छी बातों को सुनकर उन्हें अपनाने की कोशिश करनी चाहिए तभी आपका कल्याण होगा।
- कभी भी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि निराश होने से सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती है।
- नम्रता की भावना रखनी चाहिए क्योंकि नम्रता के बिना किसी भी कार्य को पाने में सफलता प्राप्त नहीं हो सकती है।
- किसी भी कार्य को करने के लिए मन से सफलता प्राप्त कर लेंगे तो अवश्य ही सफलता प्राप्त होगी।