शरीर को रोगों से मुक्त रखने के लिए प्राण-ऊर्जा के रूप में पांचों तत्वों आकाश, वायु, जल, अग्नि, पृथ्वी आदि की उचित पद्धति द्वारा सेवन करने की आवश्यकता होती है। इन तत्वों के अभाव में अच्छी से अच्छी चिकित्सा पद्धतियां भी किसी को लम्बे समय तक रोगों से मुक्त नहीं रख सकती हैं। हमारे शरीर के रोगग्रस्त होने का कारण इन्हीं तत्वों की उपेक्षा होती है। हममें से प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ रहना चाहता है लेकिन हमें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होने के लिए स्वास्थ्य सम्बंधी नियमों का ईमानदारी से पालन करना चाहिए। हमें यह मालूम होना चाहिए कि भोजन, पानी, हवा, नींद, धूप आदि का सेवन कब और कितनी मात्रा में करना चाहिए। यदि हम अपने मन में दृढ़ संकल्प कर ले तो शरीर को स्वस्थ रखना कोई भी मुश्किल काम नहीं होता है।..............