इस आसन को करने की विधि :
चरण उदधृतासन को करने के लिए पहले सीधे खड़े हो जाएं। फिर बाएं पैर पर शरीर का संतुलन बनाते हुए अपने दाएं पैर को घुटनों से मोड़कर बाईं जांघ के ऊपरी हिस्से पर ले जाएं। अब दाएं हाथ को दाईं बगल से घुमाते हुए पीठ के पीछे से लाकर बाईं ओर से दाएं पैर के अंगूठे को पकड़ लें तथा बाएं हाथ को कमर पर रखें। अब गहरी सांस खींचें। फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे नीचे की ओर झुकें। बाएं हाथ से फर्श (जमीन) को छूने की कोशिश करें और अपने सिर को बाएं पैर के घुटनों पर टिकाने की कोशिश करें। इस आसन में सिर को आगे झुकाते समय शुरू में जितना सम्भव हो आगे झुकाएं और कुछ सैकेंड तक इस स्थिति में रहने के बाद पुन: अपनी वास्तविक स्थिति में आ जाएं। फिर पैर की स्थिति को बदल कर बाएं पैर से भी इस क्रिया को करें। इस तरह इस क्रिया को 4 से 10 मिनट तक करें।
सावधानी-
इस आसन की अन्तिम स्थिति कठिन है इसलिए इसमें जितना सम्भव हो सिर को घुटनों पर व हाथ को नीचे फर्श पर टिकाने की कोशिश करें। इसके लिए कोई जल्दबाजी न करें। धीरे-धीरे इस आसन का अभ्यास करते हुए इसे पूर्ण करने की कोशिश करें। इस आसन का अभ्यास पहले योग के जानकार की देखरेख में करना लाभकारी है।
आसन से लाभ :
चरण उदधृतासन के अभ्यास से हाथ व पैरों की मांसपेशियां मजबूत और पुष्ट होती हैं। यह आसन पैरों के स्नायु सम्बन्धी रोगों को दूर करता है, शरीर में स्फूर्ति लाता है और शरीर को सुंदर व स्वस्थ बनाता है।