परिचय-
नीडिंग एक आटा गूंथने जैसी क्रिया है जो धीरे से की जाती है और गहरी होती है। इसकी तेज गति शरीर में उत्तेजना पैदा करती है। `नीडिंग´ को धीरे से करने से त्वचा और ऊपर के भाग की मांसपेशियों और तेज गति से अन्दर की मांसपेशियों पर असर पड़ता है। `नीडिंग´ कंधों, नितंबों तथा जांघों पर बहुत असरकारक होती है। `नीडिंग´ के लिए तेल को ज्यादा मात्रा में लेना चाहिए। इस प्रकार की मालिश से कसी हुई मांसपेशियों में ढीलापन आता है। रक्तसंचार में सुधार आता है और शरीर के दूषित पदार्थ बाहर आ जाते है।
विधि-
- दोनों हाथों को आमने-सामने रखें। कोहनियां बाहर निकली हों। अब दोनों हाथों से बारी-बारी शरीर का मांस मुट्ठी में भरकर उठाएं। इस क्रिया में मांस नोचने जैसी क्रिया नहीं करनी है। हाथों में लयबद्ध गति और प्रवाह होना चाहिए। नितंबों से शुरूआत करते हुए शरीर के दूसरे मांस वाले भागों पर यह क्रिया करें।
- नीडिंग क्रिया गर्दन के नीचे कंधों के ऊपर और बांहों पर करें। बांहों के ऊपर के भाग की मालिश पर खासतौर पर ध्यान दें। इस भाग की मांसपेशिया अधिकतर ज्यादा तनावपूर्ण होती है। चूंकि ये मांसपेशिया कमर के ऊपर के भाग तक फैली रहती है, इसलिए कमर के ऊपर के भाग की भी मालिश करनी चाहिए। कमर के ऊपर के भाग पर यह क्रिया 2 बार करें।