परिचय-
अनैच्छिक पेशी को अरेखित (untreated) तथा चिकनी (smooth) पेशी भी कहते हैं। इस वर्ग की पेशियां इच्छाधीन नहीं होती है। इनमें अनैच्छिक तन्त्रिका तन्त्र (involuntary nervous system) की नियन्त्रण व्यवस्था रहती है।
सूक्ष्मदर्शी द्वारा इस प्रकार की पेशी का परीक्षण करने पर इसमें धुरी के आकार के (spindle shaped) लम्बे तन्तु पाए जाते हैं। इनके बीच में सिर्फ एक अण्डाकार न्यूक्लियस होता है। इस प्रकार के पेशी तन्तु में पट्टियां नहीं पायी जातीं जिसके कारण इन्हें अरेखित पेशी कहा जाता है। ऐसी पेशियां किसी हड्डी से जु़ड़ी नहीं होती बल्कि किसी आंतरिक अंग से जुड़ी होती है। इसे इन्हे आन्तरांगी पेशी (viscerel muscle) कहा जाता है। इस वर्ग की पेशियां खोखले अभ्यन्तरांग ट्यूब, ग्रन्थि की नलियों, श्वसनीय-पथ, आहारनली, मूत्राशय, मूत्र-नलियों, गर्भाशय, डिम्बवाहिनियों आदि की भित्तियों, प्लीहा, त्वचा, नेत्रगोलक आदि में पायी जाती है। इस प्रकार की पेशियों की सहायता से आहारनाल में क्रमाकुंचक गति (peristaltic movement) द्वारा भोजन का नीचे को खिसकना, मूत्राशय से मूत्र का शरीर से बाहर निकलना, डिम्बवाहिनियों में डिम्बों का गर्भाशय की ओर खिसकना आदि क्रियाएं अपने आप होती है।
संवरणी या अवरोधिनी पेशी (sphincter muscle)- यह एक प्रकार की अनैच्छिक पेशी होती है। यह वृत्ताकार पेशी तन्तुओं की बनी होती है। यह किसी छिद्र के मुख पर अथवा किसी नली के बाह्म एवं आन्तरिक द्वारों पर मौजूद होती है। जब यह संकुचित होती है तो छिद्र अथवा नली के द्वार कसकर बन्द हो जाते हैं उदाहरणतः- गुदीय संवरणी (anal sphincter) जो गुदा को बन्द करती है, आमाशय एवं ग्रासनली के जुड़ने वाले भाग पर मौजूद कार्डियक संवरणी (cardiac sphincter) आदि।