JK healthworld logo icon with JK letters and red border

indianayurved.com

Makes You Healthy

Free for everyone — complete solutions and detailed information for all health-related issues are available

अर्द्धसूत्री विभाजन

अर्द्धसूत्री विभाजन प्रजनन कोशिकाओं (शुक्राणु एवं डिम्ब) में होता है जबकि सूत्री विभाजन (Mitosis) कायिक कोशिकाओं में होता है। सूत्री विभाजन में सिर्फ एक विभाजन होता है, जबकि अर्द्धसूत्री विभाजन में दो विभाजन होते है। सूत्री विभाजन में सन्तति कोशिकाओं (daughter cellas) में क्रोमोसोम्स की संख्या वही होती है जो मातृ कोशिका (mother cell) में होती है, लेकिन अर्द्धसूत्री विभाजन के फलस्वरूप क्रोमोसोम्स की संख्या आधी रह जाती है।

          अर्द्धसूत्री विभाजन में प्रजनन कोशिकाओं (gonadal cells) में दो क्रमबद्ध विभाजनों के बाद चार सन्तति कोशिकाएं (daughter cells) बनती है। इस विभाजन के दौरान क्रोमोसोम्स के जोड़े अलग-अलग हो जाते हैं तथा हर जोड़े में से एक मातृ कोशिका के विपरीत ध्रुव की ओर चला जाता है। जब यह विभाजित होता है तो हर एक सन्तति कोशिका में क्रोमोसोम्स अगुणित संख्या (haploid number) में होते हैं अर्थात इनमें 23 क्रोमोसोम्स का एक जोड़ा होता है। गैमीट्स (शुक्राणु एवं डिम्ब) के संयुक्त होने के फलस्वरूप जो कोशिका बनती है, उसे युग्मनज (zygote) कहते हैं तथा इसमें पूरे 46 क्रोमोसोम्स होते हैं (23 क्रोमोसोम शुक्राणु के और 23 क्रोमोसोम डिम्ब के)। इस युग्मनज का कोशिका विभाजन माइटोसिस द्वारा होता है जिसके परिणामस्वरूप एक भ्रूण (embryo) बनता है।


Copyright All Right Reserved 2025, indianayurved