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कोशिका कला

Introduction-

        यह एक पतली झिल्ली होती है जो कोशिका की सबसे बाहरी (outermost) परत को बनाती है। इसे प्लाज्म मेम्ब्रेन भी कहते हैं। कोशिका कला वसा (lipid), प्रोटीन तथा लवणों की दो परतों वाली झिल्ली है। इसकी उत्पत्ति कोशिका द्रव्य (cytoplasm) से होती है। कोशिका कला से ही समस्त कोशिकाओं को सहारा मिलता है तथा कोशिका का एक अलग अस्तित्व बनता है। इसी कारण यह पास की कोशिकाओं से अलग रहती है। लकिन कोशिका कला इतनी छोटी होती है तथा अपने पास की कोशिका भित्ति से इतना अधिक चिपक जाती है कि दोनों कोशिकाओं के बीच केवल एक भित्ति ही नजर आती है। यह कोशिका पारदर्शी तथा अर्द्धपारगम्य (semipermeable) होती है।

कोशिका कला के कार्य-

  • कोशिका कला बाह्म उत्तेजनाओं को ग्रहण करती है।
  • यह कोशिका की कोमल संरचनाओं की रक्षा करती है।
  • कोशिका कला से होकर कोशिका शरीर से विकारों का निष्कासन करती रहती है।
  • इससे होकर ही, कोशिका रक्त से पोषक तत्वों एवं ऑक्सीजन को ग्रहण करती है और अनावश्यक पदार्थ (कार्बन डाइऑक्साइड) को बाहर निकालती है।

          कोशिका कला, कोशिका के अंदर-बाहर आने-जाने वाले पदार्थों, जैसे- ऑक्सीजन, जल, कार्बन डाइऑक्साइड तथा ग्लूकोज आदि पर पूरी तरह नियन्त्रण रखती है। इस प्रकार यह जीवद्रव्य (protoplasm) की रासायनिक संरचना को बनाये रखने में सहायक होती है।


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