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मसाज करने का तरीका

 

दबाव

        मालिश की इस विधि में तेल ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल नहीं होता क्योंकि इस क्रिया में हाथों की फिसलन कम की जाती है। रीढ़ के दोनों ओर की मांसपेशियों और कंधों में तनाव कम करने के लिए सीधा गहरा दबाव डालना आवश्यक है। यह दबाव धीरे-धीरे और लगातार पड़ना चाहिए। इसका भी ध्यान रखें कि आपके हाथ के अंगूठे की त्वचा पर खरोंच न लगे।

  • अपने अंगूठे को गर्दन के नीचे पीठ पर रखें। आपकी दोनों कोहनियां सीधी होनी चाहिए। धीरे-धीरे अंगूठे पर झुके। कुछ क्षणों के लिए इसी मुद्रा में दबाव डालें और फिर ढीला छोड़ दें। अब अंगूठे को पहले स्थान से हटाकर कुछ नीचे यह क्रिया दोहराएं। कंधे की मांसपेशियों पर घूमते हुए वृत्त बनाएं। कमर के निचले भाग से आरम्भ कर ऊपर की ओर इस मालिश से शरीर के दोनों ओर की मांसपेशियों की अकड़न दूर होती है।
  • जरूरत पड़ने पर आप दबाव की दिशा को बदल सकते हैं। अपने दोनों हाथों को रीढ़ के ऊपर रखकर इसी क्रिया को ऊपर की ओर करें। इसी क्रम में एक ओर मालिश करके रीढ़ की हड्डी की दूसरी ओर मालिश करें।

वृत्ताकार स्ट्रोकिंग (सर्कल स्ट्रोकिंग)-

        वृत्ताकार स्ट्रोकिंग क्रिया में शरीर पर दोनों हाथ एक-दूसरे से 15 सेंटीमीटर की दूरी पर रखें और गोलाई में घुमाते हुए मालिश करें। ऊपर के हाथ से अर्द्धवृत्ताकार मालिश करें, जबकि निचले हाथ से ऊपर तथा रीढ़ की ओर `प्रेस´ करें। इस प्रकार ऊपरी हाथ से दोबारा स्ट्रोकिंग करने से पहले पहला हाथ वृत्ताकार आकार में घूम चुका होगा, जबकि दूसरा हाथ अर्द्ध वृत्ताकार रुप में ही घूमेगा।

सर्कुलर मूवमेंट-

        सर्कुलर मूवमेंट लगातार की जाने वाली वृत्ताकार क्रियाएं हैं, जो हथेलियों के मांसल भाग द्वारा की जाती हैं। इस क्रिया में चेहरे की त्वचा के ऊतकों को दबाकर गोलाई में मालिश की जाती है।

डीप स्ट्रोकिंग-

        अपने हाथों की तर्जनी और मध्यमा उंगलियों को गर्दन के नीचे रीढ़ की हड्डी के दोनों ओर रखें। अपने शरीर का भार उंगलियों पर डालें। अब इन्हें कमर पर नीचे की ओर फिसलाएं। इस क्रिया को 2 या 3 बार दोहराएं।

फैदर टच-

        फैदर टच की मालिश से शरीर में काफी अच्छा सा महसूस होता है और शरीर को आराम मिलता है। इस मालिश में रीढ़ के नीचे दोनों ओर उंगलियों के पोरों यानी उंगलियों के ऊपरी भाग से बहुत हल्की `स्ट्रोकिंग´ करें। कमर के मध्य भाग में पहुंचकर उंगलियां उठा लें और गर्दन पर रखकर इस क्रिया को दोहराएं। यह मालिश हल्की और कुशलतापूर्वक करनी चाहिए, ताकि मालिश करवाने वाले को इसकी गति के आरम्भ और समाप्ति का पता न लगे। इस मालिश को आप जितनी देर चाहें, जारी रख सकते हैं।

नीडिंग-

        नीडिंग क्रिया को आटा गूंथने जैसी प्रकिया माना जाता है। नीडिंग क्रिया की गति धीमी और गहरी होती है। नीडिंग की तेज गति उत्तेजना पैदा करती है। `नीडिंग´ की धीमी गति से त्वचा और ऊपरी भाग की मांसपेशियां और तीव्र गति से भीतरी मांसपेशियां प्रभावित होती हैं। `नीडिंग´ कंधों, नितंबों (कुल्हे) और जांघों पर काफी प्रभावशाली होती है। `नीडिंग´ क्रिया के लिए तेल ज्यादा मात्रा में होना चाहिए। इस प्रकार की मालिश से कसी हुई मांसपेशियों में ढीलापन आता है, रक्तसंचार में सुधार होता है और शरीर के दूषित तत्त्व बाहर आते हैं।

  • अपने दोनों हाथ आमने-सामने रखें। कोहनियां बाहर निकली हों। अब दोनों हाथों से बारी-बारी शरीर का मांस मुट्ठी में भरकर उठाएं। इस क्रिया में मांस नोचने जैसी क्रिया नहीं करनी है। हाथों को बराबर गति और प्रवाह में होना चाहिए। नितंबों (कुल्हे) से आरम्भ करते हुए शरीर के अन्य मांसल भागों पर यह क्रिया करें।
  • नीडिंग क्रिया गर्दन के नीचे, कंधों के ऊपर और बांहों पर करके बांहों के ऊपरी भाग की मालिश पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इस भाग की मांसपेशियों सामान्यत: अधिक तनावपूर्ण रहती हैं क्योंकि यह मांसपेशियां कमर के ऊपरी भाग तक फैली रहती हैं, इसलिए कमर के ऊपरी भाग की भी मालिश करनी चाहिए। कमर के ऊपरी भाग पर यह क्रिया 2 बार करनी चाहिए।

नीडिंग-

        इस क्रिया में हाथों की उंगलियां आटा गूंथने जैसे आकार में सिकोड़ ली जाती हैं तथा नीचे से ऊपर की ओर गूंथने जैसी क्रिया में गोलाकार रूप में मालिश की जाती है। आप चेहरे की शिराओं को उत्तेजित करने के लिए अथवा चेहरे को आराम पहुंचाने के लिए मालिश करवा सकती हैं। पर यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी त्वचा किस प्रकार की है। त्वचा में उत्तेजना लाने के लिए गूंथने, थपथपाने, चुटकी काटने वाली मसाज अच्छी रहती है क्योंकि इस प्रकार की मसाज गहरी होती है तथा तीव्र गति से की जाती है। इससे त्वचा की शिराओं को आराम भी मिलता है। पूरी तरह से त्वचा की स्निग्धता बनाए रखने के लिए आपको चाहिए हल्की मसाज। ऐसी मसाज भी शिराओं में रक्त संचार तेज करके उनको पुष्ट बनाती है।

मसाज की शुरुआत करना-

        मसाज से पहले अपने हाथों को अच्छी प्रकार साफ कर लें तथा क्लीन्जर की सहायता से चेहरे का मेकअप हटा दें। गीली रूई से चेहरे की गंदगी तथा अन्य दूषित तत्त्व साफ करें। होठों तथा आंखों को साफ करने के लिए अलग-अलग रूई का प्रयोग करें। चेहरे की त्वचा की शिराओं को हानि न पहुंचे इसलिए मसाज हमेशा नीचे से ऊपर और बाहर की ओर करनी चाहिए।

पैटिंग और पिंचिंग-

        इस क्रिया के द्वारा मालिश करने से त्वचा को उत्तेजना प्राप्त होती हैं। इसमें 1, 2, 3 या 4 उंगलियों के द्वारा तेज गति से थपथपाकर मसाज की जाती है। चुटकी द्वारा मसाज में अंगूठे और उंगली के बीच में चेहरे की त्वचा को पकड़कर नीचे से ऊपर की ओर उठाकर मसाज करने से चेहरे को आराम पहुंचता है।

सीजर मसाज-

        सीजर मसाज में दोनों हाथों की तर्जनी तथा बीच की उंगलियों को फैलाकर एक-दूसरे में कैंची की तरह फंसा लिया जाता है। इसके बाद चेहरे पर हल्का दबाव डालकर क्रमबद्ध ढंग से मसाज की जाती है। यह व्यायाम माथे के लिए बहुत अच्छा है क्योंकि माथे के नीचे की हड्डी समतल होती है।

स्ट्रोकिंग-

        स्ट्रोकिंग की गति में मालिश लयबद्ध और प्रवाही ढंग तथा हल्के आधार पर की जाती है। कमर की मालिश में इन्हीं स्ट्रोकों का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाता है। स्ट्रोकिंग विधि से ही तेल को पूरे शरीर पर मला जाता है। स्ट्रोकिंग को गति तथा दबाव में भी किया जाता है। इससे मालिश में विविधता आती है। सामान्यत: धीमी गति विश्राम देने वाली तथा तीव्र गति उत्तेजना पूर्ण होती है। इससे रक्त यानी खून का संचार बढ़ जाता है, जिसके कारण मांसपेशियों का तनाव दूर हो जाता है।

  • अपने दोनों हाथों को कमर के निचले भाग पर दाएं और बाएं रखें। दोनों अंगूठे रीढ़ की पास होने चाहिए। फिर धीरे-धीरे उंगलियां फिसलाते हुए ऊपर की ओर ले जाएं। हाथों पर अपने शरीर का भार डालकर मालिश में जोर लगाएं। यह शरीर के लगभग सभी भागों पर की जाने वाली सबसे सरल स्ट्रोकिंग है।
  • अपनी गर्दन के नीचे की मांसपेशियों पर हाथों को वापस लाएं। अब अपने हाथों से मालिश करते हुए कंधों पर बांहों के ऊपर स्ट्रोक लगाते हुए बांहों के मोड़ से हाथों के नीचे तक ले जाएं।
  • अपने हाथों को शरीर के दोनों ओर फिराते हुए नीचे कमर तक ले जाएं। इस बात की सावधानी बरतें कि त्वचा खिंचने न पाए। कमर पर पहुंचकर हाथ ऊपर तथा अन्दर की ओर चलाएं। यह क्रिया 10 बार दोहराएं।

        आप चाहे तो `फैन स्ट्रोक्रिग´ या `ऑल्टरनेट स्ट्रोकिंग´ भी कर सकते हैं। `फैन स्ट्रोकिंग´ में हाथों को निचली पसलियों पर बाहर की ओर ले जाकर और दोबारा बगल में हल्के ढंग से फिसलाते हुए नीचे लाते हैं। इस क्रिया को पीठ से लेकर कंधों तक दोहराएं। `ऑल्टरनेट स्ट्रोकिंग´ में एक हाथ ऊपर और दूसरा हाथ नीचे की ओर बराबर गति से चलता है।

        स्ट्रोकिंग मसाज ऐसी क्रिया है जिससे त्वचा को आराम मिलता है तथा त्वचा में कोमलता आती है। यह क्रिया उंगलियों के मांसल भाग या हथेलियों द्वारा की जाती है। हथेलियों को फिसलाने की क्रिया मसाज की निरन्तरता बनाए रखने के लिए होती है। मसाज करते समय दबाव मजबूत होना चाहिए। जिससे कि चेहरे को आराम मिल सके।

वाईब्रेशन मसाज-

        वाईब्रेशन मसाज में हाथों और उंगलियों को कंपन देकर चेहरे की मसाज की जाती है। कंपकंपाते हाथों और उंगलियों से चेहरे को तेजी से जगह-जगह पर हल्का सा दबाकर हाथों को ढीला कर लिया जाता है।

अंतिम मालिश-

        मालिश को अंतिम `टच´ देने के लिए रीढ़ के दोनों ओर गर्दन के नीचे तर्जनी और मध्यमा उंगली से मालिश शुरू करें। अपने दोनों हाथों से बारी-बारी छोटे मगर मजबूत स्ट्रोक लगाएं।


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