अंत:स्रावी प्रणाली
System of endocrine glands
चिकित्सक के द्वारा इलाज :
परिचय-
स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि अंत:स्रावी प्रणाली पर नियंत्रण रहे क्योंकि अंत:स्रावी प्रणाली से अनेको प्रकार के हारमोन्स को खून (रक्त) में मिलाकर रासायनिक सन्तुलन को बनाए रखा जा सकता है तथा शरीर के आंतरिक अंगों के आपस में सम्बंधो को बनाए रखा जा सकता है। जो हारमोन्स नलिका विहिन (नली के सामान पाईप) ग्रंथियों के द्वारा स्रावित होते हैं। ये हारमोन्स शब्द युनानी भाषा से निकला है और इसका अर्थ उत्तेजित करना होता है। इस अर्थ से यह भी पता चलता है कि हारमोन्स शरीर में अनेकों क्रियाओं को चलाने के लिए उत्तेजना पैदा करता है। अगर इन हारमोन्सों के स्राव के मात्रा में जरा सी भी कमी हो जाती है या ये हारमोन्स अधिक मात्रा में स्रावित होते हैं तो शरीर के आंतरिक अंगों की कार्य-प्रणाली कम तथा तेज हो जाती है और इस कारण शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते है।
शरीर में अंत:स्रावी ग्रंथिया निम्नलिखित होती हैं-
1. थायरायड ग्रंथि
2. पीयूषग्रंथि
3. परा-थायरायड ग्रंथियां
4. गुर्दे के ऊपरी अंग
5. क्लोम-ग्रंथि
6. यौन-ग्रंथियां
7. शंकुकार भाग तथा थायमस
इन सभी ग्रंथियों के द्वारा हारमोन्स का स्राव होता है जिसके कारण शरीर की सारी क्रिया ठीक प्रकार से संचालित होती है। यदि इन हारमोन्स के स्राव को करने वाली ग्रंथियों में किसी प्रकार की कमी या इनकी क्रिया कम या अधिक हो जाती है तो शरीर के कार्यो के नियंत्रण में तालमेल बिगड़ जाता है। जिसके कारण शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं। शरीर में इन ग्रंथियों के स्राव पर नियंत्रण बनाये रखने के लिए तथा इन ग्रंथियों की कार्य दशा को सुधारने के लिए और इन ग्रंथियों से सम्बन्धित यदि कोई रोग हो जाए तो इसका इलाज आधुनिक अंगमर्दक चिकित्सा (मसाजिस्ट चिकित्सा प्रणाली) से किया जा सकता है। इस चिकित्सा से उपचार करने पर शरीर की ये ग्रंथियां ठीक प्रकार से कार्य करने लगती है और कई प्रकार के रोग भी ठीक हो जाते हैं।