प्रतिबिम्ब बिन्दु
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ठीक होने वाले रोग
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एल-1. यह प्रतिबिम्ब बिन्दु पैर के अंगूठे के नाखून के ऊपर होता है।
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अधिक सोने की इच्छा करना, अत्यधिक पसीना निकलना, कमर में दर्द, पेट में दर्द, पेट में सूजन, पेशाब से सम्बन्धित रोग, लिंग में दर्द,जासुक तथा रजोनिवृति।
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एल-2. यह प्रतिबिम्ब बिन्दु एल-1. से थोड़ा नीचे की ओर होता है।
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गैस बनने के कारण पेट में दर्द, पेट में सूजन, पेशाब रुक-रुककर आना, अधिक मासिकस्राव होना, झुकने में दर्द होना, घुटने में सूजन तथा दर्द, बेरी-बेरी रोग, हिस्टीरिया, पागलपन, मिर्गी, कई प्रकार के दौरे पड़ना, नासूर, स्तन का अल्सर रोग, स्तन में मवाद बनना, आंखे लाल होकर सूज जाना, जल्दी गुस्से में आ जाना, नींद न आना, सिर भारी-भारी सा लगना तथा सिर में दर्द।
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एल-2. यह प्रतिबिम्ब बिन्दु अंगूठे से थोड़ा नीचे की ओर होता है।
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पंजों में खिंचाव, चेहरे तथा आंखों का पीलापन, साफ-साफ दिखाई न देना, अधिक कमजोरी आना, चलने में कठिनाई, मूत्राशय में संक्रमण, चलने में दिक्कत महसूस होना, कब्ज, डायरिया, छाती तथा पसलियों में दर्द तथा अकड़न, होंठ सूखना, उल्टी, गला सूखना तथा पेट में दर्द।
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एल-4. यह प्रतिबिम्ब बिन्दु पैर के टखने से थोड़ा ऊपर की ओर होता है।
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नाभि के आस-पास दर्द, पैर अधिक ठंडे पड़ना, नपुंसकता, योनि में दर्द, पेट में सूजन, हल्का बुखार होना, आंखें पीली पड़ जाना, पीलिया होना तथा एनोरेक्सिया।
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एल-5. यह प्रतिबिम्ब बिन्दु एल-4. से थोड़ा ऊपर की ओर होता है।
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योनि से अधिक स्राव होना, डकार आना, डर लगना, पीठ को मोड़ने में कठिनाई होना, त्वचा ठण्डी पड़कर खिंचना, घुटने मोड़ने में दर्द होना, अनियमित मासिकधर्म, रजोनिवृति, पेशाब रुक-रुककर आना, पेट के निचले भाग में सूजन होना तथा पेट में तेज दर्द होना।
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एल-6. यह प्रतिबिम्ब बिन्दु एल-5. से थोड़ा ऊपर की ओर होता है।
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