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पीलिया या कामला

 

परिचय- 

          यह रोग मुख्य रूप से दूषित भोजन करने और दूषित पानी पीने के कारण होता है। यह रोग अधिक तैलीय पदार्थ तथा बासी भोजन करने से होता है। इस रोग में रोगी के शरीर में खून की कमी होने लगती है। शरीर में खून की कमी के कारण रोगी का पूरा शरीर पीला हो जाता है। इस रोग में रोगी की आंखें पीली हो जाती हैं और उसके पेशाब का रंग भी पीला होता है। इस रोग में खून में दूषित द्रव मिलकर अनेक प्रकार के रोगों को उत्पन्न करते हैं। इससे जिगर में सूजन पैदा होती है और रोगी को भोजन करने की इच्छा नहीं होती है।

प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा रोग का उपचार-

          पीलिया के रोगी को पहले रोग में ठंडे तौलिये का घर्षण स्नान करना चाहिए और रोगी को फलाहार लेना चाहिए साथ ही रोगी को पूर्ण आराम भी करना चाहिए। पीलिया के रोगी को प्रतिदिन 2 बार गुनगुने पानी का एनिमा लेना चाहिए और फिर ठंडे पानी का एनिमा लेना चाहिए।

          इसके अतिरिक्त रोगी को उष्ण लपेट (गर्म जल का लपेट) लेना चाहिए। पीलिया के रोग में रोगी को सिर दर्द हो तो सिर पर गर्म जल की पट्टी का लपेट करना चाहिए। यदि रोगी को खुजली आदि हो तो नीम के पानी से गर्म पानी स्पंज लेना चाहिए। इससे रोग में जल्द लाभ होता है।  


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