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गोखरू

 

परिचय-

          गोखरू का रोग उन व्यक्तियों को होता है जो गलत साइज के जूते पहनते हैं। यदि कोई व्यक्ति जूता छोटा पहनता है तो उसके पैर के पंजे जूते के अगले भाग से दबने लगते हैं और लगातार पंजों पर दबाव पड़ने के कारण तथा पंजों के पास खुजली होने से पंजों के जोड़ बड़े हो जाते हैं और उनमें सूजन आ जाती है। इस सूजन के हो जाने के कारण रोगी व्यक्ति को बहुत अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

गोखरू रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-

  • इस रोग से पीड़ित रोगी को दिन के समय एक टब में गर्म पानी भरकर उसमें थोड़ा सा नमक डालकर इस पानी में अपने पैरों को कुछ घण्टों तक डुबाए रखना चाहिए। इससे रोगी व्यक्ति को बहुत अधिक लाभ मिलता है।
  • रोगी को अपने पैर के पंजों पर कच्चे आलू को पीसकर लेप करना चाहिए फिर इसके ऊपर एक कपड़े की पट्टी बांधनी चाहिए। इस पट्टी को दिन में 2 बार बदलते रहना चाहिए। इस प्रकार से उपचार करने से 2-3 दिनों में ही गोखरू रोग ठीक हो जाता है।
  • पैर के पंजों पर 3-4 दिनों तक केले के छिलके बांधने से गोखरू रोग ठीक हो जाता है।
  • इस रोग से बचने के लिए हमेशा जूते अपने पैर के साइज से 1 इंच बड़े ही पहनने चाहिए तथा जूते वही पहनने चाहिए जिसका अगला भाग चौड़ा हो ताकि पंजे पर किसी तरह का दबाव न पड़े।
  • जूते को उतारने के बाद पंजों को सही दिशा में फैलाना चाहिए।
  • गर्म पानी में इप्सम नमक डालकर इस पानी से पैरों को धोने से गोखरू रोग के कारण होने वाला दर्द ठीक हो जाता है तथा गोखरू रोग भी जल्दी ठीक हो जाता है।


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