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मानसिक तनाव

 

परिचय-       

          अवसाद एक प्रकार का मानसिक रोग है जो आज के जीवन में उलझनों की सबसे बड़ी देन है। इस रोग के कारण व्यक्ति बिना किसी रोग के होते हुए भी अपने आपको रोगी समझ बैठता है। जब इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति किसी चिकित्सक के पास जाता है और इलाज कराता है तो चिकित्सक उसे कह देता है कि आपको कोई बीमारी नहीं है। तब रोगी व्यक्ति उस चिकित्सक को छोड़कर किसी और चिकित्सक के पास चला जाता है। वह व्यक्ति नकारात्मक भावनाओं के कारण अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम कर देता है और कई प्रकार के रोग उसे हो जाते हैं।

अवसाद रोग होने का लक्षण:-

     इस रोग से पीड़ित रोगी को निराशा, हताशा तथा असुरक्षा की भावना हो जाती है। रोगी व्यक्ति को किसी अन्य व्यक्ति से घुलने मिलने या बात करने का मन नहीं करता। इस रोग में रोगी व्यक्ति की भूख मिट जाती है।

अवसाद रोग होने का कारण:-

  • लगातार बासी भोजन करने तथा मांसाहारी भोजन करने के कारण से अवसाद रोग हो जाता है।
  • मलमूत्र के वेग को रोकने के कारण भी यह रोग हो सकता है।
  • पेट में कब्ज बनने और शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने के कारण भी यह रोग हो सकता है।
  • एड्रीनल ग्रन्थि के कार्य में कमी होने के कारण भी अवसाद रोग हो सकता है।
  • ठीक समय पर भोजन न करने तथा असन्तुलित भोजन करने के कारण भी अवसाद रोग हो सकता है।
  • अधिक औषधियों का प्रयोग करने के कारण भी यह रोग हो सकता है।

अवसाद रोग को ठीक करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-

  • अवसाद रोग को ठीक करने के लिए रोगी व्यक्ति को कुछ दिनों तक फलों तथा सब्जियों का रस पीना चाहिए तथा सप्ताह में एक बार उपवास रखना चाहिए। इसके फलस्वरूप यह रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।
  • इस रोग से पीड़ित रोगी को तली-भुनी चीजें, मिर्च-मसालेदार चीजें, मैदा, चीनी तथा दूषित भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • एक गिलास दूध में सोयाबीन या तिल को डालकर प्रतिदिन सुबह तथा शाम को पीने से रोगी व्यक्ति को बहुत अधिक लाभ मिलता है।
  • रात के समय में बादाम को पानी में भिगोने के लिए रख दें। सुबह के समय में इन बादामों को खा लें तथा पानी को पी लें। इस क्रिया को प्रतिदिन करने से यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
  • अवसाद रोग को ठीक करने के लिए रोगी व्यक्ति को एनिमा क्रिया करके अपने पेट को साफ करना चाहिए तथा इसके बाद पेट पर मिट्टी की गीली पट्टी करनी चाहिए। इसके बाद रोगी को कटिस्नान, मेहनस्नान तथा रीढ़स्नान करना चाहिए। इसके बाद शरीर पर सूखा घर्षण करना चाहिए। इसके बाद गर्मपाद स्नान करना चाहिए और शरीर पर मालिश करनी चाहिए। इस प्रकार से प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने से अवसाद रोग ठीक हो जाता है।
  • अवसाद रोग को ठीक करने के लिए कई प्रकार के योगासन तथा यौगिक क्रियाए हैं जिनको प्रतिदिन करने से यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है ये आसन इस प्रकार हैं- भुजंगासन, शलभाशन, हलासन, सर्वांगासन, पश्चिमोत्तानासन, चक्रासन, ज्ञानमुद्रा, त्रिबंध, लोम विलोम, कपालभाति तथा भस्त्रिका प्राणायाम आदि।
  • सुबह के समय में गहरी सांस लेने, खुली हवा में टहलने तथा नकारात्मक विचारों को छोड़कर सकरात्मक विचारों को अपनाने से यह रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।

जानकारी-

        इस रोग से पीड़ित रोगी को मानसिक चिकित्सा की बहुत आवश्यकता होती है इसलिए ऐसे रोगी की न तो आलोचना करनी चाहिए और न ही उनके साथ कोई अभद्र व्यवहार करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से रोगी की अवस्था और भी खराब हो सकती है।


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