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पार्किन्सन रोग

 

परिचय-

          पार्किन्सन रोग किसी व्यक्ति को अचानक नहीं होता है। यह एक दिमाग का रोग है जो लम्बे समय दिमाग में पल रहा होता है। इस रोग का प्रभाव धीरे-धीरे होता है। जब यह रोग किसी व्यक्ति को हो जाता है तो रोगी व्यक्ति के हाथ तथा पैर कंपकंपाने लगते हैं। कभी-कभी इस रोग के लक्षण कम होकर खत्म हो जाते हैं। इस रोग से पीड़ित बहुत से रोगियों में हाथ तथा पैरों के कंप-कंपाने के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन वह लिखने का कार्य करता है तब उसके हाथ लिखने का कार्य करने में असमर्थ हो जाते हैं। यदि रोगी व्यक्ति लिखने का कार्य करता भी है तो उसके द्वारा लिखे अक्षर टेढ़े-मेढ़े हो जाते हैं। रोगी व्यक्ति को हाथ से कोई पदार्थ पकड़ने तथा उठाने में दिक्कत महसूस होती है। इस रोग से पीड़ित रोगी के जबड़े, जीभ तथा आंखें कभी-कभी कंपकंपाने लगती हैं।

         जब यह रोग धीरे-धीरे बढ़ता है तो रोगी की विभिन्न मांसपेशियों में कठोरता तथा कड़ापन आने लगता है। जब रोगी की चाल अनियंत्रित तथा अनियमित हो जाती है तो चलते-चलते रोगी व्यक्ति कभी-कभी गिर जाता है, रोगी के मुंह से लार टपकने लगती है, आवाज धीमी हो जाती है तथा कपंकंपाती, लड़खड़ाती, हकलाती तथा अस्पष्ट हो जाती है, सोचने-समझने की ताकत कम हो जाती है और रोगी व्यक्ति चुपचाप बैठना पसन्द करता है। इस रोग से पीड़ित रोगी को कब्ज की समस्या होती रहती है तथा उसे पसीना अधिक आता है। इस रोग के कारण रोगी व्यक्ति को पेशाब करने तथा गर्दन को घुमाने में परेशानी होती है।

पार्किन्सन रोग होने का कारण:-

  • पार्किन्सन रोग व्यक्ति को अधिक सोच-विचार का कार्य करने तथा नकारात्मक सोच ओर मानसिक तनाव के कारण होता है।
  • किसी प्रकार से दिमाग पर चोट लग जाने से भी पार्किन्सन रोग हो सकता है।
  • अधिक नींद लाने वाली दवाइयों का सेवन तथा एन्टी डिप्रेसिव दवाइयों का सेवन करने से भी पार्किन्सन रोग हो जाता है।
  • अधिक धूम्रपान करने, तम्बाकू का सेवन करने, फास्ट-फूड का सेवन करने, शराब तथा नशीली दवाईयों का सेवन करने के कारण भी पार्किन्सन रोग हो जाता है।
  • शरीर में विटामिन `ई´ की कमी हो जाने के कारण भी पार्किन्सन रोग हो जाता है।

पार्किन्सन रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-

  • पार्किन्सन रोग को ठीक करने के लिए 4-5 दिनों तक पानी में नींबू का रस मिलाकर पीना चाहिए। इसके अलावा इस रोग में नारियल का पानी पीना भी बहुत लाभदायक होता है।
  • इस रोग में रोगी व्यक्ति को फलों तथा सब्जियों का रस पीना भी बहुत लाभदायक होता है। रोगी व्यक्ति को लगभग 10 दिनों तक बिना पका हुआ भोजन करना चाहिए।
  • सोयाबीन को दूध में मिलाकर, तिलों को दूध में मिलाकर या बकरी के दूध का अधिक सेवन करने से यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
  • रोगी व्यक्ति को हरी पत्तेदार सब्जियों का सलाद में बहुत अधिक प्रयोग करना चाहिए।
  • रोगी व्यक्ति को जिन पदार्थों में विटामिन `ई´ की मात्रा अधिक हो भोजन के रूप में उन पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए।
  • रोगी व्यक्ति को कॉफी, चाय, नशीली चीजें, नमक, चीनी, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • प्रतिदिन कुछ हल्के व्यायाम करने से यह रोग जल्दी ठीक हो जाता है।
  • पार्किन्सन रोग से पीड़ित रोगी को अपने विचारों को हमेशा सकरात्मक रखने चाहिए तथा खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए।

नोट-

          इस प्रकार से प्राकृतिक चिकित्सा से प्रतिदिन उपचार करें तो पार्किन्सन रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।


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