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यौन-दुर्बलता

 

परिचय-

          जब यह रोग किसी व्यक्ति को हो जाता है तो उसके प्रजनन अंगों में कमजोरी हो जाती है तथा उसके शरीर में भी अत्यधिक कमजोरी आ जाती है जिसके कारण रोगी व्यक्ति को बहुत अधिक परेशानी होती है, रोगी व्यक्ति की कामोत्तेजना में भी कमी आ जाती है।

       रोगी व्यक्ति के शरीर में कामोत्तेजना को बढ़ाने के लिए मस्तिष्क कुछ अंत:स्रावी ग्रन्थियों को संन्देश भेजता है, जिसके परिणामस्वरूप ही हारमोन्स का स्राव होता है जिसके कारण भी कामोत्तेजना में वृद्धि होती है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि अधिक काम करने की इच्छा और अंत:स्रावी ग्रन्थियों के स्राव का उचित संतुलन तथा नियमन हो तभी यौनजीवन सन्तोषप्रद बनता है। इन दोनों में से किसी एक में भी काम करने की गड़बड़ी उत्पन्न होती है तो व्यक्ति के यौवनजीवन पर बहुत बुरा असर पड़ता है।

यौन-दुर्बलता रोग होने का कारण:-

          यह रोग व्यक्ति को सैक्स के प्रति गलत आदत तथा सैक्स के प्रति कम जागरूकता के कारण हो सकता है। हस्तमैथुन की आदत अथवा नींद में वीर्यपात हो जाने के कारण तथा कमजोरी के भय के कारण यह रोग होता है। यौनशक्ति को बढ़ाने वाले औषधियों को अधिक प्रयोग करने के कारण भी यह रोग हो सकता है।

यौन-दुर्बलता रोग को दूर करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-

  • यौन-दुर्बलता रोग को ठीक करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को सैक्स के प्रति गलत आदतों को छोड़ देना चाहिए। इसके बाद प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करना चाहिए।
  • यौन-दुर्बलता रोग को ठीक करने के लिए रोगी व्यक्ति को प्रतिदिन फलों तथा साग-सब्जियों को अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए।
  • इस रोग से पीड़ित रोगी को प्रतिदिन रीढ़ स्नान करना चाहिए जिसके परिणाम स्वरूप काम करने की चेतनातन्त्र में शक्ति का संचार तथा काम करने की शक्ति में वृद्धि हो जाती है।
  • इस रोग से पीड़ित रोगी को तम्बाकू, चरस-गांजा, स्मैक, अफीम, शराब, भांग तथा बीड़ी-सिगरेट आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • फलों तथा शाक-भाजियों के रस इस प्रकार होने वाली हानि का नियंत्रण करने तथा उनके दुष्प्रभावों को नष्ट करने में सहायक होते हैं। फलों तथा साग-सब्जियों में विटामिन्स अधिक होते हैं जिसके फलस्वरूप यह रोग ठीक हो जाता है।


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