परिचय-
इस रोग में नाक के अन्दर कभी-कभी घाव, फुन्सी या जख्म उत्पन्न हो जाते हैं। ऐसे में नाक में खुजली व जलन उत्पन्न होने लगती है जिसे नासिका प्रदाह कहते हैं।
प्राकृतिक चिकित्सा के द्वारा नासिक प्रदाह का उपचार-
इस रोग को दूर करने के लिए रोगी को नाक से स्टीम बाथ लेना चाहिए और उसके तुरन्त बाद ठंडे पानी में कपड़ा भिगोकर नाक के भीतर की सफाई करनी चाहिए। यदि नासिका प्रदाह अधिक हो रहा हो तो नाक पर कीचड़ का लेप दिन में 2 से 3 बार करना चाहिए। इससे इस रोग में जल्द लाभ मिलता है।