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नाकड़ा

 

परिचय-

        जब यह रोग किसी व्यक्ति को हो जाता है तो उसकी नाक की श्लैष्मिक झिल्ली में सूजन होकर उसमें जलन होने लगती है इसलिए इस रोग को नाकड़ा या पोलिपस रोग कहते हैं। जब यह सूजन फट जाती है तो रोगी की नाक से खून भी निकलने लगता है। इस रोग के कारण व्यक्ति को नकसीर रोग भी हो जाता है।

नाकड़ा रोग होने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-

  • इस रोग को ठीक करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को 2 दिनों तक अधिक मात्रा में फलों का रस पीना चाहिए और इसके कुछ दिनों बाद क्षारधर्मी पदार्थों (तीखा, चरपरा तथा खारा आहार) का सेवन करना चाहिए।
  • रोगी व्यक्ति को अपना पेट साफ करने के लिए कुछ दिनों तक एनिमा लेना चाहिए।
  • रोगी व्यक्ति को सुबह तथा शाम के समय में उदरस्नान करना चाहिए और सुबह के समय में जलनेति क्रिया करनी चाहिए। इसके बाद कम से कम 15 दिनों तक सूतनेति क्रिया करनी चाहिए।

जानकारी-

          इस प्रकार से प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने से नाकड़ा रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।


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