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भगन्दर

 

परिचय -

     जब किसी व्यक्ति को यह रोग हो जाता है तो उसके गुदाद्वार के पास सूजन होकर फोड़ा बन जाता है जिसको भगन्दर कहते हैं। यह फोड़ा कुछ दिनों में फूट जाता है और उसमें से मवाद तथा दूषित रक्त निकलने लगता है। यह फोड़ा कभी-कभी बहुत चौड़ा तथा गहरा होता है। इस फोड़े के कारण रोगी व्यक्ति को गुदाद्वार के पास बहुत तेज दर्द होता है।

भगन्दर रोग के लक्षण:-

     इस रोग से पीड़ित रोगी के मलद्वार के पास फोड़ा हो जाता है जिसके फूटने पर खून निकलने लगता है तथा रोगी को जलन और दर्द महसूस होता है।

भगन्दर रोग होने का कारण:-

      भगन्दर रोग होने का सबसे प्रमुख कारण यह है कि जब किसी व्यक्ति के मलद्वार के पास कोई फोड़ा बन जाता है और उसमें जब कई मुंह बन जाते हैं और रोगी व्यक्ति इस फोड़े से छेड़छाड़ करता है तो उसे यह रोग हो जाता है। अधिक चटपटी चीजें खाने के कारण मलद्वार के पास फोड़ा हो जाता है जो आगे बढ़कर भगन्दर का रूप ले लेता है।

भगन्दर रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-

  • भगन्दर रोग का उपचार करने के लिए रोगी व्यक्ति को कम से कम 2 सप्ताह तक उपवास रखना चाहिए। उपवास के समय में रोगी व्यक्ति को फलों का रस पीना चाहिए और गुनगुने पानी से एनिमा क्रिया करनी चाहिए ताकि पेट साफ होकर कब्ज बनना रुक सके।
  • भगन्दर रोग से पीड़ित रोगी को पीले रंग की बोतल तथा हरे रंग की बोतल का सूर्यतप्त तेल बराबर मात्रा में मिला लेना चाहिए। इस तेल को 25 मिलीलीटर की मात्रा में दिन में 8 बार सेवन करने से यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
  • भगन्दर रोग में रोगी व्यक्ति के गुदाद्वार के पास का फोड़ा जब तक पक न जाए तब तक उस पर प्रतिदिन 2-3 बार गुनगुना पानी छिड़कना चाहिए या फिर 10 मिनट तक 2-3 बार कम से कम 2 घण्टे तक बदल-बदल कर गर्म मिट्टी का लेप करना चाहिए। भगन्दर रोग से पीड़ित रोगी को प्रतिदिन गुनगुने पानी से एनिमा क्रिया करानी चाहिए ताकि उसका पेट साफ हो सके तथा दूषित द्रव्य उसके शरीर से बाहर हो सके।
  • नींबू के रस को पानी में मिलाकर उस पानी से भगन्दर के फोड़े को धोना चाहिए। इस प्रकार से प्रतिदिन उपचार करने से यह रोग कुछ ही समय में ठीक हो जाता है।
  • भगन्दर के फोड़े पर प्रतिदिन हरा प्रकाश देकर नीला प्रकाश देना चाहिए। जिसके फलस्वरूप यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
  • नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर भगन्दर के फोड़े पर लगाने से यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
  • भगन्दर रोग से पीड़ित व्यक्ति को सुबह के समय में नीम की 4-5 पत्तियां चबानी चाहिए। इसके फलस्वरूप भगन्दर रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।


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