परिचय-
पानी के द्वारा योनि को साफ करने की इस क्रिया को वैजिनल डूश के नाम से जानते हैं। इस क्रिया में बिना दबाव के ही पानी को योनि के अंदर पहुंचाया जाता है और योनि को साफ किया जाता है। इस क्रिया के लिए मार्केट में उपलब्ध नोजल का प्रयोग किया जाता है। इस नोजल को एक डिब्बे में या रबर की थैली में लगा दिया जाता है और उसे दीवार में लटका दिया जाता है, जिससे पानी अपने आप योनि के अंदर पहुंचने लगता है। इसमें पानी का तापमान गर्म, न्यूट्रल (सामान्य या ठंडा होता है)।
योनि की सफाई या वैजिनल डूश देने की विधि-
इस क्रिया में पहले रोगी स्त्री को पीठ के बल लिटा देते हैं। इसके बाद नितम्ब (हिप) को हल्का ऊंचा उठाकर उसके नीचे एक बर्तन लगाते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि नोजल गर्भाशय के नीचे की ओर ही लगा रहें, जिससे पानी योनि में अच्छी तरह से घूम सके और अंदर के सभी भाग पानी के गर्माहट से प्रभावित हो।
इस क्रिया से योनि की श्लेष्मा झिल्ली पर ही लाभ नहीं होता, बल्कि पेल्विक रीजन के अंगों में खून का बहाव पर भी इस क्रिया का प्रभाव पड़ता है।
योनि की सफाई के लिए विभिन्न तापमान का पानी प्रयोग किया जाता है। इसमें योनि की सफाई पहले की तरह ही की जाती है। परंतु विभिन्न प्रकार के रोगों में पानी का तापमान अलग-अलग होता है।
ठंडे पानी से योनि की सफाई-
ठंडे पानी से योनि साफ करने का प्रयोग मनोयरेजिया (अतिरज:स्राव) की स्थिति उत्पन्न होने या जननांगों में जलन होने पर अधिक लाभकारी होता है। इस क्रिया में 10 से 15 मिनट तक ठंडे पानी से गर्भाशय की सफाई की जाती है। इससे गर्भाशय की पुष्टि होती है और पेशाब में जलन तथा पेशाब नली में संक्रमण से होने वाली योनि की खुजली आदि में आराम मिलता है।
न्यूट्रल पानी से योनि सफाई-
न्यूट्रल पानी से योनि में पानी की धार देने से मधुमेह, ल्यूकोरिया (श्वेत प्रदर) में लाभ होता है। इससे योनिद्वार व गर्भाशय में जलन व खुजली दूर होती है। योनि की सफाई की क्रिया गर्म कटिस्नान के साथ करने से मासिकधर्म नियमित रूप से आने लगता है।
गर्म पानी से योनि की सफाई-
40 डिग्री तापमान वाले गर्म पानी से योनि की सफाई करने से सैल्फिन्जाइटिस, सेल्यूलाइटिस, पुराने मेट्राइटिस, ओफेराइटिस और एंडोमेट्राइटिस आदि बीमारियों में दर्द से आराम मिलता है। यह शरीर में खून के बहाव को ठीक करता है। प्रसव के समय दर्द शुरू होने पर गर्म पानी से योनि की सफाई करने से गर्भाशय ग्रीवा को फैलने में मदद मिलती है। गर्म-ठंडे पानी को बदल-बदलकर योनि के अंदर की सफाई करने से पेल्विक रीजन के सभी अंग कार्यशील बनते हैं।
सावधानी-
गर्भावस्था के दौरान गर्म पानी से योनि की सफाई नहीं करनी चाहिए। इससे गर्भपात होने का डर रहता है।