वायु-
व्रत रखने पर शरीर के अन्दर की गंदगी को समाप्त करने के लिए ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन को शरीर के अन्दर लेना लाभकारी होता है।
नहाना और सफाई-
व्रत रखने पर शरीर के अन्दर की गंदगी बाहर की त्वचा के रोमकूप, मुंह, नाक, कान, जनेन्द्रिय संस्थान में आकर जम जाती है। इसलिए रोजाना नहाना और शरीर की सफाई करना बहुत जरूरी है। जीभ और दांतों की तो दिन में कई बार सफाई करनी चाहिए।
कपड़े-
व्रत में या वैसे भी हमेशा हल्के और सूती कपड़े ही पहनना ज्यादा आरामदायक होता है।
व्यायाम-
व्यायाम या कसरत जितना शरीर बर्दाश्त कर सके उतना ही करना चाहिए। पैदल चलना जैसे हल्के व्यायाम अच्छे रहते हैं।
एनिमा-
शरीर के अन्दर की सफाई करने के लिए एनिमा लेने की क्रिया बहुत लाभकारी होती है।
दिमाग पर असर-
व्रत रखने पर मन में किसी भी तरह की चिंता, गुस्सा, डर, निराशा और परेशानी को नहीं आने देना चाहिए।
धूप-
व्रत में सुबह के समय 15 से 20 मिनट तक शरीर को धूप खिलाना बहुत जरूरी है।
मौन-
व्रत रखने के समय जितना ज्यादा मौन (चुप रहना) रह सकते हो उतना ही अच्छा रहता है।
आराम-
व्रत रखने पर दिमाग और शरीर को आराम देने से बहुत लाभ होता है।
सूखा घर्षण (सूखी मालिश) -
व्रत के दौरान शरीर का सूखा घर्षण (सूखी मालिश) बहुत ही लाभदायक होता है।
सावधानी-
कुछ रोगों के दौरान व्रत रखना बिल्कुल ही मना है जैसे- मधुमेह (डायबटीज) , टी.बी. रोग आदि।