साधारण तरीके से धूप-सेवन करने के लिए जमीन अथवा तख्त पर कम्बल, चटाई अथवा दरी पर ऐसी जगह पर लेटना चाहिए जहां धूप तो काफी मात्रा में हो किन्तु हवा न चल रही हो। धूप स्नान के दौरान सिर को अच्छी तरह से कपडे़ से अथवा तौलिये से ढक लेना चाहिए तथा जितनी देर तक हो सके उतनी देर तक हमें लेटना चाहिए। यदि पसीना निकल जाए तो अच्छा होता है। धूप सेवन के प्रारम्भ में पसीना निकालने के लिए अधिक देर तक कष्ट सहकर धूप में नहीं खड़े नहीं रहना चाहिए। सूर्य स्नान के द्वारा पसीना निकालना इस कारण से होता है कि उस पसीने द्वारा हमारे शरीर में एकत्रित विजातीय द्रव्य शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
इस तरह धूप के सेवन से हमारा शरीर रोगों से बचा रहता है और रोगग्रस्त शरीर प्राकृतिक चिकित्सा सम्बंधी अन्य उपचारों के साथ ही शीघ्र ही निरोग हो जाता है।