धूप स्नान कराने के लिए रोगी को सुबह और शाम दोनों समय हल्की धूप में थोड़े समय के लिए बैठाया जाता है। धूप मे बैठने के समय सिर पर कपड़ा रखना चाहिए ताकि रोगी का सिर और चेहरा सूर्य की किरणों से बचा रहे। रोगी को तब तक धूप में रखना चाहिए जब तक कि उसका शरीर गर्म न हो जाए। रोगी के शरीर में पसीना आने का इंतजार नहीं करना चाहिए तथा जैसे ही रोगी का शरीर गर्म हो जाए उसे छाया में ले जाकर उसके पूरे शरीर को एक गीले कपड़े से पोंछना चाहिए। इसके बाद पुन: धूप स्नान शुरू कर देना चाहिए। इस प्रकार कई दिनों तक रोगी को धूप स्नान कराना चाहिए।