शांतिदायक स्नान विधि-
शांतिदायक स्नान आराम से बैठकर किया जाता है इसलिए इसे शांतिदायक स्नान कहते हैं। इस स्नान के लिए पहले कुर्सी पर आराम से बैठ जाएं। फिर फुहारे वाले नल का प्रयोग करें जिससे गुनगुना पानी आ सके या इस स्नान के लिए ऐसे बर्तन का प्रयोग करें जिससे पानी फुहारे के रूप में गिरे। अब उस बर्तन में गुनगुना पानी भर लें और उसे सिर पर आराम-आराम से डालें। इस तरह सिर पर पानी डालने से सिर शांत व प्रफुलित होता है। जो व्यक्ति मानसिक काम अधिक करता है उसे यह स्नान करना चाहिए। इससे मस्तिष्क शुद्ध रहता है और काम में मन लगता है, आलस्य दूर होता है। गर्म पानी से अभ्यास हो जाने पर ठंडे पानी को भी इस तरह फुहारे के रूप में सिर पर डालने का अभ्यास करना चाहिए। सिर पर ठंडा पानी डालने से पहले त्वचा ठंडी रहती है। फिर कुछ देर बाद ही सिर में गर्मी पैदा होती है। इस तरह ठंडे के बाद उत्पन्न होने वाले गर्मी से मन और मस्तिष्क शांत व स्वच्छ हो जाते हैं और आनन्दमय बना रहता है। इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है और बालों की जड़ें मजबूत होती हैं। इस स्नान को बन्द कमरे में करें ताकि ठंडा पानी डालने के बाद तेज हवा के कारण शरीर को हानि न हो।
इस स्नान से पूरे शरीर में ताजगी आती है और खून का प्रवाह तेज होता है। इससे रोमकूप खुलते हैं और अन्दर की गंदगी बाहर निकलती है। इस स्नान से मस्तिष्क शांत रहता है।