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भूसी स्नान

 भूसी स्नान करने के लिए लगभग 4 किलो की मात्रा में गेहूं की ताजी भूसी को लेकर गरम पानी में मिलाकर गाढ़ा घोल तैयार कर लेते हैं। इसके बाद इस घोल को नहाने के 102 से 105 डिग्री फारेनहाइट गर्म पानी में मिलाते हैं। इसके पश्चात रोगी को इसी भूसी मिले हुए जल में नंगे बदन लगभग 20-40 मिनट तक बैठना चाहिए। इस स्नान को विशेष प्रभावकारी बनाने के लिए टब के जल में थोड़ी-थोड़ी देर पर गरम जल मिलाकर उसके तापमान को एक समान बनाये रखते हैं।

          भूसी स्नान हमारे त्वचा सम्बंधी रोगों में अधिक लाभकारी होता है। भूसी स्नान त्वचा की खुजली तथा उसकी जलन को नष्ट करने में विशेष उपयोगी होता है।


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