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ऐकैलिफा इन्डिका

 

परिचय-

        ऐकैलिफा इन्डिका औषधि का उपयोग फेफड़ों के रोगों को ठीक करने के लिए लाभकारी है। सुबह के समय में अचानक सूखी खांसी के साथ खून आना और शाम के समय में स्याही की तरह जमा हुआ खून आए तथा इन सब लक्षणों के होते हुए भी बुखार न हो, सुबह के समय में अधिक कमजोरी महसूस हो रही हो तथा दोपहर के समय में शरीर में शक्ति आ जाती हो तो ऐसे लक्षणों के रोगी को ठीक करने में इस औषधि का उपयोग बहुत लाभकारी है।

पोषण नली और श्वास संस्थान पर ऐकैलिफा इन्डिका औषधि का लाभकारी प्रभाव देखने को मिलता है।

ऐकैलिफा इन्डिका औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी हैं-

श्वास संस्थान से सम्बन्धित लक्षण :- तेज सूखी खांसी होने के बाद खूनी बलगम निकलना, सुबह के समय में खांसी के साथ साफ रक्त निकलना और शाम के समय में काले रंग का थक्केदार खून निकलना, रात के समय में खांसी और तेज हो जाना तथा छाती में तेज दर्द महसूस होना। इन लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए ऐकैलिफा इन्डिका औषधि का उपयोग लाभकारी है।

पेट से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी के आंतों तथा आमाशय में जलन महसूस हो रही हो, रोगी को दस्त हो गया हो तथा मलत्याग करते समय पड़पड़ाहट की आवाज के साथ वायु निकल रही हो, पेट में मरोड़ के साथ दर्द हो रहा हो, मल के साथ रक्त निकल रहा हो जैसे लक्षण शाम के समय में अधिक दिखाई दे रहे हों तो इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए ऐकैलिफा इन्डिका औषधि का उपयोग करना चाहिए।

त्वचा रोग से सम्बन्धित लक्षण :- शरीर का रंग पीला हो गया हो जैसे पीलिया रोग हो गया है, त्वचा में सूजन आ गई हो तथा त्वचा पर खुजली मच रही हो तो इस प्रकार के लक्षण को ठीक करने के लिए ऐकैलिफा इन्डिका औषधि का उपयोग करना फायदेमंद होता है।

छाती से सम्बन्धित लक्षण :- सूखी खांसी हो तथा बहुत अधिक परेशान करने वाली खांसी हो, बलगम के साथ खून भी निकल रहा हो, सुबह तथा शाम के समय में खांसी का प्रभाव और तेज हो जाता हो। छाती के पास लगातार तेज दर्द महसूस हो रहा हो, सुबह के समय में बलगम के साथ निकलने वाले खून का रंग चमकदार, लाल और थोड़ी मात्रा में निकल रहा हो, दोपहर के बाद निकलने वाले खून में गहरा रंग हो तथा जमा हुआ निकल रहा हो। नाड़ी कोमल और दबावशील हो। ग्रासनली, ग्रसनी तथा आमाशय में जलन महसूस हो रही हो तो ऐसे लक्षणों से पीड़ित रोगी को ठीक करने के लिए ऐकैलिफा इन्डिका औषधि का उपयोग करना उचित होता है।

वृद्धि (ऐगग्रेवेशन) :-

        सुबह के समय में रोग के लक्षणों में वृद्धि होती है।

ऐकैलिफा इन्डिका औषधि का दूसरे औषधि से सम्बन्ध (रिलेशन):-

        आर्नि, हेमै, इपि, मिलफोलियम, ऐकोन, काली-नाइट्रि तथा फास्फोरस के साथ ऐकैलिफा इन्डिका औषधि की तुलना कर सकते हैं।

मात्रा (डोज) :-

        ऐकैलिफा इन्डिका औषधि की तीसरी से छठी शक्ति का प्रयोग करना चाहिए।


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