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फोर प्ले (सेक्स करने से पहले की क्रियाएं)

यदि कोई पुरुष सेक्स से पहले फोर प्ले (सेक्स करने से पहले की क्रियाएं) नहीं करता है तो उसे सेक्स का सही आनंद नहीं मिलता है। फोर प्ले में स्त्री के संवेदनशील अंगों को सहलाकर उसे सेक्स करने के लिए तैयार किया जाता है। कोई भी व्यक्ति फोर प्ले के द्वारा जब तक स्त्री को उत्तेजित नहीं कर लेता है तब तक सेक्स का भरपूर आनंद न तो उसे मिल सकता है और न ही उसकी पत्नी को।

           इसे दूसरे तरीके से इस प्रकार से समझा जा सकता है। जैसे- किसी भारी व्यायाम को करने से पहले वार्म-अप जरूरी होता है। उसी तरह से सेक्स करने से पहले फोर प्ले की आवश्यकता होती है। सेक्स करने से ज्यादा फोर प्ले में विभिन्नता होती है जो सेक्स का आनंद बढ़ा देती है। फोर प्ले की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके दौरान पुरुष की उत्तेजना नियंत्रित रहती है और स्त्री की उत्तेजना बढ़ जाती है।

           अक्सर पुरुषों में यह धारणा बैठी होती है कि फोर प्ले की आवश्यकता केवल स्त्री को ही होती है। इसलिए फोर प्ले न करके सीधे सेक्स करने से अधिक आनंद मिलता है। लेकिन यह उनकी भूल है क्योंकि फोर प्ले के द्वारा सेक्स को लंबे समय तक खींचा जा सकता है जिससे सेक्स का आनंद बढ़ जाता है। सेक्स विशेषज्ञों के अनुसार पुरुष का सेक्स एक बिजली के बल्ब के समान है जो स्विच आन करते ही जल जाता है और स्विच आँफ करते ही बुझ जाता है। इसकी तुलना में स्त्री का सेक्स आयरन के समान होता है जोकि काफी देर में गर्म होता है तथा गर्म होने के बाद काफी देर में ठंडा होता है।

           सेक्स क्रिया तो कुछ ही मिनटों में पूरी हो जाती है। केवल सेक्स करने से ही स्त्री पूर्ण रूप से संतुष्ट नहीं हो पाती है। इसके लिए फोर प्ले की आवश्यकता होती है जिसके द्वारा स्त्री को चरम सुख का आनंद प्राप्त होता है। यूरोपीय सेक्स विशेषज्ञों के अनुसार फोर प्ले स्त्री-पुरुष में वैचारिक और आत्मिक समानता लाता है। इसके साथ ही फोर प्ले करने से लिंग में कठोर स्तंभन होता है।

पुरुषों में फोर प्ले (सेक्स करने से पहले की क्रियाएं) के प्रति अरुचि का कारण-  

           पुरुष और स्त्री की सेक्स इच्छा में काफी अंतर होता है। पुरुष केवल स्मरण, कल्पना, स्पर्श या स्त्री के शरीर के अंग देखने से ही उत्तेजित हो जाता है। जबकि स्त्री की कामचेतना काफी गहरी होती है। पुरुष में काम उत्तेजना आते ही वह शीघ्र ही सेक्स क्रिया संपन्न करने की कोशिश में रहता है। यही कारण है कि अधिकतर पुरुषों में फोर प्ले के प्रति लगाव नहीं होता है।

फोर प्ले कितने समय तक करें-

           पुरुषों के द्वारा स्त्री की सुंदरता की प्रसंसा करना और प्रेम भावना प्रकट करना फोर प्ले अर्थात सेक्स क्रिया से पूर्व की जाने वाली एक महत्वपूर्ण क्रिया है। सेक्स सक्रियता के लिए इस क्रिया में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। फोर प्ले की क्रिया 10 मिनट से लेकर 2 घंटे तक की जा सकती है।

फोर प्ले के दौरान होने वाले आनंद की पहचान-

           फोर प्ले के दौरान स्त्री के स्तन सख्त हो जाते हैं और निप्पलों में तनाव आ जाता है। गालों पर लालिमा छा जाती है। सांसे तेज हो जाती है। योनि-क्षेत्र में रक्त अधिक मात्रा में आ जाता है जिससे वह फूल जाती है। भगनासा कड़ी हो जाती है। योनि में गीलापन हो जाता है। जब स्त्री पूरी तरह से सेक्स क्रिया के लिए उत्तेजित हो जाती है तो वह सिसकियां भरने लगती है। 

फोर प्ले और विशेष अंग-

           फोर प्ले की क्रिया में शरीर के विशेष अंगों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आमतौर पर पुरुष फोर प्ले के दौरान स्त्री के स्तन, निप्पल, भगनासा को हाथों से सहलाता है और चुंबन करता है। इसकी तुलना में स्त्री भी पुरुष का चुंबन, आलिंगन करती है तथा लिंग को हल्के हाथों से धीरे-धीरे सहलाती है। फोर प्ले के दौरान उपयोग किए जाने वाले प्रमुख कुछ विशेष अंगों का वर्णन निम्न हैं-

1. स्तन-  स्त्री के स्तनों में सेक्स उत्तेजना के साथ-साथ सेक्स अपील भी अधिक होती है। फोर प्ले के दौरान चरम सीमा तक पहुंचने के लिए स्त्री के स्तनों को धीरे-धीरे करके सहलाना चाहिए। इससे स्त्री के स्तनों में तनाव होता है। इस प्रकार धीरे-धीरे करके स्त्री उत्तेजित हो जाती है।

2. निप्पल- स्तनों के ऊपर स्थित घुंडी को निप्पल कहते हैं। निप्पल स्त्रियों के शरीर का काफी नाजुक अंग है। निप्पल को उंगलियों द्वारा धीरे-धीरे करके सहलाना चाहिए। निप्पल को जीभ या लिंग से रगड़कर स्त्री को उत्तेजित कर सकते हैं।

3. भगनासा- क्लाइटोरिस (भगनासा) स्त्री का सबसे संवेदनशील सेक्स अंग माना गया है। स्त्री को उत्तेजित करने के लिए क्लाइटोरिस (भगनासा) को हल्के हाथों से रगड़ना चाहिए। पुरुष के हाथों के स्पर्श से ही यह तेजी से उत्तेजित हो जाता है। जब धीरे-धीरे करके सेक्स उत्तेजना बढ़ जाए तो पुरुष को क्लाइटोरिस (भगनासा) पर हल्का-हल्का दबाव बढ़ाते जाना चाहिए। इससे स्त्री को अधिक आनंद मिलता है। क्लाइटोरिस (भगनासा) को अधिक उत्तेजित करने के लिए जीभ द्वारा उसका हल्का-हल्का स्पर्श करना चाहिए। इससे स्त्री बिना सेक्स क्रिया किए हुए ही सेक्स के चरम सुख को प्राप्त कर लेती है। इस क्रिया के समय निम्नलिखित बाते ध्यान में रखनी चाहिए-

  • क्लाइटोरिस (भगनासा) को साफ हाथों से ही सहलाना चाहिए।
  • गंदे हाथों से क्लाइटोरिस (भगनासा) को रगड़ने से संक्रमण होने का भय रहता है।
  • स्त्री का शरीर कोमल होता है। इसलिए क्लाइटोरिस (भगनासा) को तेज नहीं रगड़ना चाहिए। इससे आनंद मिलने के बजाय स्त्री को कष्ट होने लगता है।
  • क्लाइटोरिस (भगनासा) को मुंह से स्पर्श करते समय दांतों को नहीं गड़ाना चाहिए। इससे घाव हो सकता है जो सेक्स संबंध बनाने पर कष्ट दे सकता है।

4. चुंबन- फोर प्ले के दौरान लिया गया चुंबन जितना गहरा होगा। यौन क्रिया में उतना ही अधिक आनंद मिलता है।  

फोर प्ले के द्वारा पुरुष को उत्तेजित करना- स्त्री को चाहिए कि वह फोर प्ले के समय पुरुष को भी उत्तेजित करे। पुरुष के गुदा और अंडकोषों के बीच में जो हिस्सा होता है उसे स्पर्श करने या दबाने से पुरुष शीघ्र ही उत्तेजित और आनंदित हो जाता है। इसके लिए स्त्री को चाहिए कि वह उपर्युक्त स्थान को हाथों से हल्का-हल्का स्पर्श करे।

स्त्री का पी स्पाँट-

           स्त्री के योनि के अंदर एक ऐसा स्थान होता है जिस पर लिंग के घर्षण से उसे भरपूर आनंद प्राप्त होता है। इसे पी स्पाँट कहते हैं। पी स्पाँट को ढूढ़कर उसे उंगुलियों द्वारा सहला भी सकते हैं। इससे स्त्री को संतुष्टि प्राप्त हो जाती है। सेक्स विशेषज्ञों के अनुसार, स्त्री की योनि में स्थित सस्पंदा नाड़ी और पूर्णचंद्र के आस-पास पी स्पाँट होता है। इसके बारे में अभी तक वैज्ञानिक पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो पाये हैं कि पी स्पाँट का स्थान कौन-सा है। लेकिन उनका मानना है कि पुरुष को अपनी पत्नी का पी स्पाँट ढूढ़ने में कोई भी परेशानी नहीं होती है।

श्वास द्वारा स्त्री को उत्तेजित करना-  

           यदि पुरुष अपनी गर्म सांसों को स्त्री के संवेदनशील पर छोड़े तो वह सरलता से उत्तेजित हो जाती है। जब गर्म स्त्री के संवेदनशील अंगों से टकराती हैं तो उनके शरीर में गुदगुदी महसूस होती है और उसके शरीर में तरंग की तरह दौड़ने लगती है। वह सेक्स के लिए उत्तेजित होकर पति को अपने बाहों में भर लेती है। पुरुष अपनी गरम सांसे स्त्री के कान में, गरदन में, कान के पीछे वाले हिस्से में तथा नाक और आंखों में छोड़ सकते हैं। स्त्री के शरीर के इन अंगों में छोड़ी गयी गर्म सांस से उसमें शीघ्र ही उत्तेजना आ जाती है।

आंखों के द्वारा स्त्री को उत्तेजित करना

           स्त्री और पुरुष का परस्पर आकर्षण सर्वप्रथम आंखों के द्वारा होता है। आंखों के द्वारा ही दोनों एक-दूसरे से प्रेम करने लगते हैं। आंखों के द्वारा ही वे एक-दूसरे को मन में स्वीकार कर लेते हैं। सेक्स विशेषज्ञों के अनुसार पुरुष की कामुक दृष्टि से ही स्त्री का शरीर रोमांचित हो जाता है और उसमें सेक्स उत्तेजना उत्पन्न हो जाती है। इसके अलावा स्त्री के सेक्स अंगों को देखकर भी पुरुष स्त्री को रोमांचित कर सकता है। आंखों के द्वारा उत्तेजित हुई स्त्री अपने पुरुष साथी के पास सेक्स करने की कोशिश करती है।

अऩ्य विशेष तथ्य-

फोर प्ले के दौरान निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए-

  • फोर प्ले की शुरुआत बिल्कुल निर्वस्त्र होकर नहीं करें बल्कि फोर प्ले के दौरान एक-एक कपड़े धीरे-धीरे करके उतारें।
  • फोर प्ले की शुरुआत मधुर वचनों के साथ करनी चाहिए।
  • पुरुष को चाहिए कि वह पत्नी के शरीर के विभिन्न अंगों की प्रशंसा करें।
  • पत्नी के संवेदनशील अंगों को बिल्कुल धीरे-धीरे करके सहलाना चाहिए। क्योंकि इन अंगों पर अधिक दबाव डालने से उसे परेशानी होगी। इससे उसकी सेक्स इच्छा दूर हो जाती है।
  • फोर प्ले के दौरान होने वाली क्रिया को जल्दबाजी में नहीं करना चाहिए। इस क्रिया को जितने आराम से किया जाएगा। सेक्स का आनंद उतना ही अधिक प्राप्त होगा।
  • सेक्स करने से पहले आलिंगन, चुंबन तथा सेक्स अंगों से छेड़छाड़ अवश्य ही करना चाहिए।
  • हर बार स्त्री के शरीर अलग-अलग अंगों से छेड़-छाड़ करके फोर प्ले की शुरुआत करनी चाहिए।
  • फोर प्ले के दौरान केवल जननांगों से ही नहीं छेड़छाड़ करनी चाहिए बल्कि स्त्री के शरीर के सभी अंगों को हाथों से धीरे-धीरे करके सहलाना चाहिए। 


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