परिचय-
सेक्स क्रिया में एक ऐसा आनंद प्राप्त होता है जिसे पाने की लालसा लगभग सभी मनुष्यों में हमेशा बनी रहती है। यह लालसा तब तक बनी रहती है जब तक वह सेक्स करने में असमर्थ नहीं हो जाता है। सेक्स वह आनंद है जिसका भोग करते समय मनुष्य कुछ समय के लिए सांसारिक बातों को तो क्या, वह भगवान तक को भूल जाता है। यही कारण है कि सेक्स के इस क्षणिक आनंद के लिए मनुष्य बड़े से बड़े अपराध तक कर डालता है। इसे या तो मनुष्य की हवस कहा जाए या सेक्स आनंद का आकर्षण। प्रत्येक मनुष्य यह चाहता है कि वह अधिक उम्र तक सेक्स का आनंद प्राप्त करे।
सेक्स के इसी आनंद को बनाय़े रखने के लिए पुरुष हमेशा अपनी सेक्स शक्ति बढ़ाने के उपाय ढूढ़ता रहता है। इसके लिए वह विभिन्न प्रकार की औषधियों का प्रयोग करता है और स्त्रियां भी योनि को संकुचित करने के लिए विभिन्न प्रकार की औषधियों का उपयोग करती हैं। इन औषधियों के प्रयोग से चाहे कुछ भी लाभ प्राप्त न हो लेकिन इसके उपयोग से यह बात स्पष्ट होती है कि मनुष्य में अधिक से अधिक आयु तक सेक्स करने की इच्छा होती है।
इसके बाद यह बात सामने आती है कि क्या वास्तव में मनुष्य को अधिक से अधिक आयु तक सेक्स आनंद प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। इस बारे में अधिकांश लोगों का उत्तर हां में होगा।
अधिक उम्र तक सेक्स करने की क्षमता वाले कुछ लोग भले ही गर्व महसूस करते हो लेकिन अधिक उम्र में सेक्स करने के परिणाम हानिकारक होते हैं। सबसे अधिक हानि तो सेक्स के बाद उत्पन्न होने वाली संतान को होती है क्योंकि अधिक उम्र में सेक्स करने से उत्पन्न संतान का शरीर अविकसित होता है तथा वह शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों से अस्वस्थ और कमजोर होती है।
इसके बाद यह प्रश्न उठता है कि सेक्स अधिकतम कितनी आयु तक करना चाहिए। हमारे अनुसार सेक्स करने की अधिकतम आयु 40 वर्ष के आस-पास ठीक है क्योंकि इस उम्र में उत्पन्न होने वाली संतान को माता-पिता का सुख और माता-पिता को संतान का सुख मिल सकता है।
इसके विपरीत यदि किसी व्यक्ति के बच्चे 55-60 की उम्र में उत्पन्न होते हैं तो इस आयु में बच्चे के जन्म से वह स्वयं को गौरवान्वित महसूस करता है। कुछ लोग तो 80-90 की उम्र तक में बच्चे उत्पन्न करने की क्षमता रखते हैं।
सेक्स करना स्वयं के सामर्थ और शारीरिक स्थितियों पर निर्भर करता है। सेक्स संबंध जारी रखने के लिए बहुत-सी बातें हैं। मुख्य रूप से यह अलग-अलग व्यक्तियों की भावनात्मक स्थिति पर निर्भर करता है। सेक्स संबंध तब तक बनाना चाहिए जब तक कि पति-पत्नी दोनों को उसमें रुचि हो।
सेक्स संबंधों का आयु पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है। सेक्स संबंध तभी समाप्त होते हैं जब पति-पत्नी में से कोई एक सेक्स के लिए सहमत न हो, शारीरिक रूप से असक्षम हो या यौन संबंधों के प्रति रुचि समाप्त हो गयी हो। पति-पत्नी के जनन अंगों में शिथिलता के कारण भी सेक्स संबंध समाप्त हो जाते हैं। यह आमतौर पर लंबी बीमारी के बाद ही संभव है। यदि पति-पत्नी के बीच गहरा प्रेम संबंध हो तो उनकी रुचि सेक्स के प्रति रुचि किसी भी उम्र में समाप्त नहीं होती है। इसके अलावा रजोनिवृति के बाद भी सेक्स संबंधों के प्रति रुचि समाप्त हो जाती है लेकिन ऐसा बहुत ही कम स्त्रियों के साथ होता है।
समाज में फैली हुई विभिन्न कुरीतियों के कारण भी महिलाएं सेक्स संबंधों से वंचित रह जाती हैं जबकि सेक्स के प्रति उनकी इच्छा हमेशा बनी रहती है। ऐसा आमतौर पर विधवाओं के साथ होता है जिन्हे सामाजिक कुरीतियों के कारण पुनर्विवाह का अवसर नहीं दिया जाता है। इससे बहुत से मामलों में उनके अवैध संबंध स्थापित हो जाते हैं।
अधिक उम्र में सेक्स करने से अन्य समस्याएं भी आती हैं। इससे परिवार बढ़ता है। खर्च बढ़ता है। आर्थिक परेशानी का भी सामना करना पड़ता है। सबसे बड़ी परेशानी तो तब होती है जब अधिक उम्र में सेक्स के फलस्वरूप उत्पन्न संतानों का स्वास्थ्य कभी भी ठीक नहीं रहता है।