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चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस

 

परिचय-

          बहुत सी महिलाएं यह सोचकर चश्मा लगाने से बहुत ज्यादा डरती हैं कि चश्मे के कारण कहीं उनकी खूबसूरती न छुप जाए। पर बहुत सी महिलाएं इस बात को अच्छी तरह से जानती हैं कि चश्मा लगाकर कैसे ज्यादा सुन्दर दिखा जा सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके लगाने वाले चश्मे का फ्रेम कैसा है तथा आपका किया गया मेकअप किस तरह का है। इन सब बातों पर ध्यान देने से आपको कोई चश्मिश या बैटरी आदि कहकर कमेंट नहीं मार सकता।

कैसे करें चश्मा लगाकर मेकअप-

          अगर आपकी दूर की नजर की कमजोर है तो आपकी आंखों में लगाने वाले चश्मे से आपकी आंखे बहुत बड़ी नजर आती हैं। आपकी आंखों के आसपास किए गए मेकअप का रंग का काफी फैला हुआ नजर आता है। इसलिए जहां तक हो मेकअप हल्का ही करना चाहिए। हल्के रंगवाले तथा फीके मेकअप वाले रंगों का इस्तेमाल तो करना ही नहीं चाहिए। केवल ताजगी भरे रंगो का ही इस्तेमाल करें जैसे- भूरे रंग में हल्का गुलाबी रंग। पर अगर आपकी पास की नजर कमजोर है तो आपके चश्में का लेंस ऐसा होना चाहिए जिससे आपकी आंखे असली आकार से बहुत छोटी नजर आए। इसलिए गाढ़े रंगों वाले मस्कारे का ही इस्तेमाल करें।

सावधानी

  • आपका चश्मा चाहे जैसा भी हो उसके फ्रेम से बाहर मेकअप न करें।
  • मेकअप करते समय चमकीले रंगों का इस्तेमाल कम से कम ही करें।
  • चश्मा खरीदते समय उसका फ्रेम इस तरह का चुने कि जो ऊपर की भौंह की सीध में ये उससे नीचे आता हो। इससे चश्मे का गालों तक आनेवाला फ्रेम आपकी आंखों को बड़ा दिखाता है।
  • मस्कारा लगाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पलकें बिल्कुल साफ रहें, नहीं तो चश्मे के साथ टकराने से लेंस पर उनका रंग लग सकता है।
  • चश्मा लगाने के कारण आंखों के नीचे के काले घेरे ज्यादा साफ नजर आते है। इन काले घेरे को फाउण्डेशन क्रीम लगाकर छुपा सकते हैं।
  • अगर आप रंगीन लेंसवाले फ्रेम के चश्में पहनती हैं तो मध्यम रंग के मेकअप का इस्तेमाल करें नहीं तो बहुत ही अजीब लगेगा।
  • चश्मे के कारण आंखे पास-पास में नजर आती है इसलिए मेकअप में ऐसे रंगों का होना भी जरूरी है जिनसे आंखें चौड़ी लगे।

कॉन्टैक्ट लेंस लगाकर मेकअप-

          अगर आप आंखों में कॉन्टैक्ट लेंस लगाती है तो आंखों का मेकअप करना और भी आसान हो जाता है। लेंस लगाकर आपकी कमजोर नजर तो सही हो ही जाती है साथ ही चश्मा लगाने का झंझट भी दूर हो जाता है और देखने में भी सब कुछ असली सा लगता है। आंखों में कॉन्टैक्ट लेंस लगाकर मेकअप करते समय इन बातों पर ध्यान देना चाहिए-

चिकित्सा-

  •  क्रीम और लोशन के तैलीय तत्व उंगलियों पर लगाकर कॉन्टैक्ट लेंस को चिकना कर सकते हैं। इसलिए कॉन्टैक्ट लेंस को मेकअप करने से पहले लगाना चाहिए।
  • बालों में स्प्रे आदि करना हो तो वह भी कॉन्टैक्ट लेंस लगाने से पहले कर लेना चाहिए जैसे- पहले नहा लें, अगर बालों में स्प्रे आदि लगाती हैं तो पहले बालों को संवार लें और फिर परफ्यूम लगा लें। इसके बाद अपने हाथ धो लें। फिर आंखों में कॉन्टैक्ट लेंस लगा लें और उसके बाद मेकअप कर लें।
  • आंखों के पास मेकअप करते समय चाहे आपने कॉन्टैक्ट लेंस लगाये हुए हो या नहीं सावधानी रखनी चाहिए। मेकअप करते समय मैग्नीफांइग ग्लास लगाएं तो ज्यादा अच्छा होगा। मेकअप के समय ज्यादा जल्दबाजी न करें।
  • आंखों की पलकों के ऊपर पेंसिल आई लाइनर का इस्तेमाल किया जा सकता है परन्तु आई लाइनर या दूसरें मेकअप का इस्तेमाल पलकों के अन्दर की ओर न करें।
  • मस्कारा लगाने से पहले यह देख लेना चाहिए कि सॉफ्ट लेंस आंखों में लगा दिए गए हैं। ऐसा न करने पर लेंस लगाते समय मस्कारा लेंस पर गिर सकता है।
  • हार्ड कॉन्टैक्ट लेंस लगानेवाली महिलाएं मेकअप करने के बाद ही लेंस लगाना पसन्द करती है। आंखों पर आई लाइनर या आई शैडो लगाते समय पलकें खींचने से लेंस बाहर लटक सकता है या एप्लीकेटर के हल्के इस्तेमाल से पुतलियों मे परेशानी हो सकती है। फिर भी अगर हाथ साफ हो तो हार्ड लेंस लगाए जा सकते है।
  • अगर आप आंखों के ऊपर नकली पलकें लगाती है तो कॉन्टैक्ट लेंस लगाने से पहले इन्हें सेट करना ठीक है नहीं तो मेकअप करते समय उन्हें नुकसान हो सकता है।
  • कॉन्टैक्ट लेंस को छूने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धोकर साफ कर लें। नाखूनो में या उंगलियों में गन्दगी लगी रह जाने से कॉन्टैक्ट लेंस लगाते या निकालते समय आंखों में खुजली हो सकती है।
  • कॉन्टैक्ट लेंस लगाने वाली स्त्रियों को चाहिए कि वे तरल फाउण्डेशन, बेस, क्रीम, रूज, आईशैडो, वाटर बेस, मस्कारा और आईलाइनर का इस्तेमाल करें। इससे कॉन्टैक्ट लेंस के नीचे मेकअप करने के सामान के कण जाकर आंखों को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। ऐसे मस्कारा का इस्तेमाल न करें जिसमें पलकों का लंबा दिखानेवाले रेशे होते हैं। अगर ये आंखों में पहुंच जाते हैं तो आंखों के लिये बहुत नुकसानदायक हो सकते हैं।
  • मेकअप रिमूवर या नाइट क्रीम ऐसी चुननी चाहिए जिसका बेस लैनोलिन न होकर खनिज तेल हो। खनिज तेल पानी में जल्दी घुलता है। लैनोलिन में चिकनाहट का तत्व कॉन्टैक्ट लेंस पर लगकर इसे चिकना बना सकता है।
  • अगर आपने जल्दबाजी में पहले ही कॉन्टैक्ट लेंस पहन लिये हों तो आई-शैडो लगाते समय इन पर जोर न डालें। जोर या दबाव डालने से पलकों की कोशिकाओं को नुकसान होता है और लेंस भी अपनी जगह से हट जाता है। ऐसे ही आईलाइनर भी बहुत सावधानी से पलकों को बचाते हुए लगाएं। पलकों के पास के रोमछिद्रों के बन्द हो जाने से पलकों की ग्रन्थियां काम करना रोक देती है और पलकों में संक्रमण होने का डर रहता है।
  • नकली पलकें, नेल पॉलिश रिमूवर और कोलोन आदि कॉन्टैक्ट लेंस से दूर रखने चाहिए नहीं तो लेंस खराब हो सकते हैं।

सावधानी-

  • बालों में शैंपू करते समय कॉन्टैक्ट लेंस निकाल देने चाहिए।
  • अगर आप बालों में स्प्रे कर रहे हैं और आपने कॉन्टैक्ट लेंस लगा रखे हैं तो आंखों को बन्द कर लेना चाहिए।
  • हेयर डैसिंग करवाते समय पलकों को बार-बार झपकाते रहें ताकि आंखों के आंसू सूखने न पाएं।


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